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हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय तथा उनकी रचनाएं

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 Class 12th Hindi lesson 7 हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय तथा उनकी रचनाएं :–



लेखक : एक संक्षिप्त परिचय


जन्म-22 अगस्त, सन् 1924 ईo


जन्म स्थान जमानी (होशंगाबाद), मध्य


सम्पादन 'वसुधा' मासिक पत्रिका।


लेखन विधा : व्यंग्य।


भाषा : सरल, साहमयी खड़ी बोली।


शैली, व्यंग्यात्मक,आत्मपरक।

प्रमुख रचनाएं — सदाचार का तावीज, रानी नागफनी की कहानी, जैसे उनके दिन फिरे।

मृत्यु — 10 अगस्त, सन् 1995


हरिशंकर परसाई का जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिला के अन्तर्गत जमानी नामक स्थान में 22, अगस्त सन् 1924 ई0 को हुआ था। प्रारम्भ से लेकर स्नातक स्तर तक की शिक्षा मध्य प्रदेश में ही हुई और नागपुर विश्वविद्यालय से इन्होंने हिन्दी में एम० ए० किया। 18 वर्ष की उम्र में इन्होंने जंगल विभाग में नौकरी की। खण्डवा में 6 माह तक अध्यापन कार्य किया तथा सन् 1941 से 1943 ई० तक 2 वर्ष जबलपुर में स्पेस ट्रेनिंग कालेज में शिक्षण कार्य किया। 1943 में नहीं मॉडल हाईस्कूल में अध्यापक हो गये। 1952 ई० में इन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी। 1953 से 1957 ईo तक प्राइवेट स्कूलों में की। 1957 ई0 में नौकरी छोड़कर स्वतन्त्र लेखन की कीलकता के ललित कला महाविद्यालय से सन् 1960 में डिप्लोमा किया। अध्यापन-कार्य में ये कुशल थे, किन्तु अदा के विपरीत अनेक का अयापन इनकी यदा-कदा कथा 10 अगस्त, 1995 ई० को इनका निधन हो गया।


परसाई जी की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं--


कहानी संग्रह-

1. हँसते हैं, रोते हैं, 

2. जैसे उनके दिन फिरे।


उपन्यास

1. रानी नागफनी की कहानी,

2. तट की खोज।


निबंध संग्रह- 

1. तब की बात और थी,


2. भूत के पाँव पीछे,


3. बेईमान की परत,


4. पगडंडियों का जमाना,


5. सदाचार की तावीज,


6. शिकायत मुझे भी है,


7. और अन्त में।



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