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आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय | रचनाएं, योगदान और साहित्यिक पहचान | Acharya Ramchandra Shukla Biography in Hindi

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय:–

आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य के जाने-माने साहित्यकार है। इनका हिंदी साहित्य उच्च कोटि का माना जाता है। ये हिंदी साहित्य के रूप में निबंधकार और उनके समालोचन माने जाते हैं। जिन्होंने अपनी बेशकीमती और मूल्य धरोहर को अपनी अमूल्य रचना के रूप में हिंदी साहित्य को प्रदान करा है।


आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय:–

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म उत्तरप्रदेश के बस्ती जिले के अगोना नामक ग्राम में 4 अक्टूबर 1884 को हुआ था। इनके पिता का नाम पं ० चंद्रबली शुक्ल था। जो अरबी, फारसी भाषा के प्रेमी थे। और इनकी माता जी का नाम विभाषी था। इनके पिताजी चंद्रबली शुक्ल की नियुक्ति सदर कानूनगो के पद पर मिर्जापुर में हुई तो समस्त परिवार वहीं आकर रहने लगा। सांस की परेशानी होने के कारण हृदय गति रुक जाने से सन 1941 में इनका देहान्त हो गया।

इनके पिताजी का अरबी, फारसी, उर्दू के अच्छे ज्ञाता होने के कारण इनकी आठवीं तक की शिक्षा उर्दू, फारसी में ही हुई थी। परंतु हिंदी भाषा के प्रति इनका अत्यधिक लगाव होने के कारण इन्होंने इण्टर की परीक्षा पास करने के बाद मिर्जापुर के मिशन स्कूल में कला विषय के अध्यापक बन गए। अध्यापन के कार्य के साथ ही इन्होंने हिंदी, उर्दू, संस्कृत और अंग्रेजी साहित्य का गहन अध्यन किया जो आगे चलकर उनके लिए बड़ी उपयोगी साबित सिद्ध हुई।

इनकी एक कुशाग्र बुद्धि और साहित्य सेवा से प्रभावित होकर सन 1908 में काशी नगर के प्रचारणी सभा ने इनको हिंदी शब्द सागर के सह संपादन का कार्य प्रदान किया। जिसे इन्होंने बहुत ही कुशलता से निभाया। इन्होंने बहुत लंबे समय तक नागरी प्रचारिणी पत्रिका का संपादन का कार्य किया। कुछ समय तक इन्होंने काशी विश्विद्यालय में हिंदी के अध्यापक रहे परंतु सन 1936 में बाबू श्याम सुंदर दास के अवकाश ग्रहण करने के बाद ये हिंदी विभाग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। इन्होंने बड़ी तालिन्नता के साथ इस पद पर कार्य किया।


आचार्य रामचंद्र शुक्ल की रचनाएं:–

आचार्य रामचंद्र शुक्ल रचनाएं निम्नलिखित है।


इतिहास – हिंदी साहित्य का इतिहास, यह हिंदी साहित्य का प्रथम वैज्ञानिक प्रमाणिक इतिहास हैं।

निबंध – चिंतामणि भाग 1 और 2, विचार विधि।

आलोचना – सूरदास, रस मीमांसा, काव्य रहस्यवाद।

संपादित – जायसी, ग्रंथावली, भ्रमर गीतसार, काशी नागरी प्रचारिणी पत्रिका, हिंदी शब्द सागर, तुल ग्रंथावली।

काव्य – बुद्ध चरित्र, अभिमन्यु वध।

अनुदित – आदर्श जीवन, कल्पना का आनंद, विश्व प्रपंच, मेगस्थनीज का भारतवर्षीय विवरण।



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