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माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय, साहित्यिक योगदान और प्रमुख रचनाएँ

माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय

जन्म : 4 अप्रैल 1889

निधन : 30 जनवरी 1968

पुरस्कार : साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1955), पद्म भूषण (भारत सरकार)

राष्ट्रीय भावना और ओज के कवि माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले के बावई में हुआ। आरंभिक शिक्षा-दीक्षा घर पर हुई और आगे चलकर वे अध्यापन व साहित्य-सृजन से जुड़ गए।

1913 में उन्होंने 'प्रभा' पत्रिका का संपादन किया और गणेश शंकर विद्यार्थी के संपर्क में आए। 1921 में असहयोग आंदोलन में भाग लेने पर राजद्रोह के आरोप में जेल भी गए। 1924 में ‘प्रताप’ का संपादन सँभाला और बाद में ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन’ के अध्यक्ष भी रहे।

साहित्यिक योगदान

माखनलाल चतुर्वेदी की रचनात्मक यात्रा के तीन प्रमुख क्षेत्र रहे:

  1. पत्रकारिता: उन्होंने विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना का संचार किया।
  2. साहित्य: कविताएं, निबंध, नाटक और कहानियों के माध्यम से उन्होंने समाज और राष्ट्र से संवाद किया।
  3. व्याख्यान: सार्वजनिक मंचों से उन्होंने साहित्यिक और सामाजिक मुद्दों पर प्रभावशाली विचार रखे।

‘पुष्प की अभिलाषा’ जैसी अमर कविता के माध्यम से वे भारतीय जनमानस में सदा के लिए बस गए। उन्हें "एक भारतीय आत्मा" के नाम से भी याद किया जाता है।

प्रमुख काव्य रचनाएँ

  • हिमकिरीटिनी
  • हिमतरंगिनी
  • युग चरण
  • समर्पण
  • मरण ज्वार
  • माता
  • वेणु लो गूँजे धरा
  • बीजुरी काजल आँज रही

प्रमुख गद्य रचनाएँ

  • कृष्णार्जुन युद्ध
  • साहित्य के देवता
  • समय के पाँव
  • अमीर इरादे : गरीब इरादे

सम्मान और पुरस्कार

  • 1943 - देव पुरस्कार
  • 1955 - साहित्य अकादेमी पुरस्कार (पहला पुरस्कार)
  • भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित
  • उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया

माखनलाल चतुर्वेदी हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ रहे हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी से राष्ट्रप्रेम, सामाजिक चेतना और साहित्यिक गरिमा को नया आयाम दिया।

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