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Vitamin के रसायनिक नाम, अणु सूत्र , स्रोत, प्रभाव

Vitamin के रसायनिक नाम, अणु   सूत्र , स्रोत, प्रभाव:–


Vitamin A:–

रासायनिक नाम- रेटिनॉल होता है । 

विटामिन ए कि खोज भी मैकुलन ने ही किया था।

यह विटामिन वसा में घुलनशील होता है।

 इसका द्रवणांक (melting point) 60-64°सेल्सियस तथा अणुभार 285 होता है। 

इस विटामिन का मुख्य स्रोत पौधों से प्राप्त बीटा कैरोटीन हैं।

Vitamin B:-

रसायनिक नाम:–  बेरी –बेरी 

विटामिन बी के अभाव से निम्नलिखित हानियां होती हैं
1. पेशीय दुर्बल हो जाती है।

Vitamin B2:–

रसायनिक नाम– रैबोफ्लेविन

अणुसूत्र:–C17 H20 N4 O6

 स्रोत– दूध ,पनीर तथा हरी सब्जियां 

प्रभाव :–

1.जंतुओं की वृद्धि बंद हो जाती है ।

2.जीभ पर दाने निकल आते हैं।


Vitamin B12:–

रासायनिक नाम:– साइनोकोबालामिन

अणुसूत्र:–C63 H88 O4 N14 PCO

 स्रोत :–यह विटामिन ,मछली और जंतुओं की यकृत में मिलता है, तथा दूध में भी उपस्थित होता है।

प्रभाव:–

vitamin12 के अभाव से अरक्तता ।


Vitamin C (एस्कोरबिक अम्ल ):–

अणुसूत्र:– C6 H8 O6

स्रोत:– संतरे ,नींबू तथा अन्य हरी सब्जियों में पाया जाता है

 प्रभाव:– 

1.इसके अभाव से स्कर्वी रोग हो जाता है।

2.मसूड़े फूल जाते हैं ।

3.उसमें रक्त नहीं लगता है।


Vitamin D (कैल्सी फेरोल):–

अणुसूत्र:– C28 H44 O

इसका स्रोत :–

मास ,मक्खन , सूर्य का प्रकाश आदि।


Vitamin E ( टोकोफेरोल):–


Vitamin E के अंतर्गत कई योगिक आते हैं जो बंधता रोगी कारक होते हैं m

स्रोत:– सूर्यमुखी का तेल और अन्य वनस्पति तेलों में उपस्थित होता है।

 अभाव:– पेशिया कमजोर होना।


Vitamin K ( फाइलों क्वीनॉन):–

अणु सूत्र:– C31 H46 O2

स्रोत:– पालक, पत्ता गोभी ,गाजर आदि।

प्रभाव:– रक्त के थक्के बनने में अधिक समय लगना।



Proteins:–भोजन के 3 मूल वर्ग है :–

कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा प्रोटीन उच्च भार के नाइट्रोजन युक्त जटिल कार्बनिक योगिक है जो सभी जीव जंतु और पादप कोशिका में पाए जाते हैं इन पदार्थों को प्रोटीन(mulder) नाम दिया गया है।


Amino acid:–

अमीनो अम्ल कार्बो सिलिक अम्लों के व्युत्पन्न हैं, जिनमें कार्बन श्रृंखला में H परमाणु एमिनो समूह द्वारा विस्थापित होता है।

जैसे :– ग्लाइसिन (CH2 NH2 COOH)


मानव शरीर के लिए प्रोटीन का महत्व :–


हमारे भोजन के अवयव में प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण है। शरीर की वृद्धि व क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को सुधार करने के लिए आवश्यक अमीनो अम्ल की आवश्यकता होती है।


प्रोटीन के परीक्षण :–

बाई यूरेट अभिक्रिया या परीक्षण :–

प्रोटीन के क्षारिए विलयन में कॉपर सल्फेट का अति तनु विलियन डालने पर लाल या बैगनी रंग उत्पन्न होता है ।यह प्रोटीन का bi urate परीक्षण कहलाता है।

यूरिया को धीरे-धीरे गर्म करने पर NH3 निकलती है और बाइ रेट बनता है।

                           ∆

2NH²CoNH² –––⟩ NH³ +NH²CoNHCoNH²


Enzyme:–

उच्च अणुभार के नाइट्रोजन युक्त जटिल कार्बनिक योगिक प्रोटीन है ,जो जीवित कोशिकाओं में उत्पन्न होते हैं ये रासायनिक अभिक्रिया को प्रेरित करते हैं जीव उत्प्रेरक या एंजाइम कहलाते हैं।

जैसे:–

सुक्रोज के जल अपघटन से ग्लूकोस तथा फ्रकटोस का निर्माण


अनुकूलतम ताप:–

जिस ताप पर एंजाइम की सक्रियता सर्वाधिक होता है अनुकूलतम ताप कहलाता है।(25°c से 37°c)


अनुकूलतम PH:–

जिस PH पर एंजाइम की सक्रियता सर्वाधिक होती हैं। अनुकूलतम PH कहलाता है।(5–7°c) तक


हार्मोन्स:–

हारमोंस शरीर में विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न रसायनिक पदार्थ है जिनके कई महत्वपूर्ण शारीरिक क्रियात्मक कार्य हैं 

हार्मोन्स का वर्गीकरण:–

 पिट्यूटरी ,थायराइड ,पैरा थायराइड ,आदि ।


हार्मोन की शरीर क्रियात्मक कार्य:–

हार्मोन तीव्र जैव रासायनिक पदार्थ शरीर के विकास के लिए अति महत्वपूर्ण है।






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।।।


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