Class 12th chemistry lesson 1st important question answer 2025:-
परासरण तथा परासरण दाब:–
विलायक का कम सांद्रता वाले विलयन से अधिक सांद्रता वाले विलयन की ओर अर्ध पारगम्य झिल्ली से परवाह परसरण कहलाता है।
परासरण दाब:–
किसी विलयन को अर्द्ध पारगम्य झिल्ली द्वारा विलायक से अलग रखकर परासरण की क्रिया को रोकने के लिए विलयन पर लगाया गया अतिरिक्त न्यूनतम दाब परसरण दाब कहलाता है।
परासरण दाब ज्ञात करने की विधियां :–
1.फेफर की विधि
2.दे व्रीस की विधि
3.मोर्स तथा फ्रेजर की विधि
4.जीव द्रव्य कुंचन विधि
5.टाउन सेड की सरंध्र विधि
6.बर्कले तथा हार्टले की विधि:–
प्रथम पांच विधियों से परासरण दाब मापने में अधिक समय लगता है इस कमी को दूर करने के लिए बर्कले और हार्टले 1909 में सबसे उपयुक्त विधि प्रस्तुत की।
परासरण दाब के नियम:–
वांट हाफ ने बताया कि तनु विलयन के परासरण दाब पर सांद्रण व ताप का प्रभाव उसी प्रकार होता है जिस प्रकार का गैस के दाब पर होता है।
इस आधार पर वांट हाफ ने एक सिद्धांत प्रस्तुत किया जिन्हें तनु बिलियन ओ का सिद्धांत कहते हैं।
"इस सिद्धांत के अनुसार तन विलयन में विलेय एक गैस की भांति व्यवहार करता है तथा विलयन का परासारण दाब उस दाब के बराबर होता है जो विलेय गैसीय अवस्था में डालता है"।
बायल –वांट हॉफ नियम:–
स्थिरता पर किसी विलयन का परासरण दाब उसकी सांद्रता c के समानुपाती होती है।
चाल्स वांट हॉफ नियम:–
स्थिर सांद्रता पर किसी विलयन का परासारण दाब उसके परम ताप के समानुपाति होता है।
Pv = RCT (C= n/v)
P=RnT/v
Pv=nRT (n=w/m)
Pv=w/mRT
Here,
P= परासरण दाब
v= आयतन (l)
w=विलेय का भार
m=विलेय का अणुभार
R= 0.0821
T=(C⁰+273)k
अर्द्ध पारगम्य झिल्ली:–
वाह झिल्ली जिससे विलायक के अणु आर पार हो जाते हैं परंतु विलय के अणु आर पार नहीं होते अर्द्ध पारगम्य झिल्ली कहलाती है।
समपरासरी विलयन:–
भिन्न पदार्थों वाले दो विलयन जिनके परासरण दाब सामान ताप पर समान होते हैं समपरासरी विलयन कहलाते हैं।
P1=P2
C1=C2
n1/v1=n2/v2
w1/m1v1=w2/m2v2
वॉन्ट हॉफ गुणक:–
वियोजन के बाद अणु संख्य गुण धर्म का प्रेक्षित मान और वियोजन से पूर्व अणु संख्य गुण धर्म के सामान्य मान के अनुपात को वांट हाफ गुणांक कहते हैं, इसे i से प्रदर्शित करते हैं।
विधुत चालाक:–
ऐसे पदार्थ जिनमें से विधुत धारा प्रवहित हो सकती है, विद्युत चालाक कहलाते है।
जैसे – Au, Ag, cu ,etc
अचालक या कुचालक:–
वे पदार्थ जो अपने मे से विधुत धारा का प्रवहित नहीं होने देते हैं, कुचालाक कहलाते है।
जैसे – शुद्ध जल, बर्फ, कांच,etc
विशिष्ट चालकता:–
विशिष्ट प्रतिरोध का व्युतक्रम विशिष्ट चालकता कहलाती है
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