Class 10th physics up board में पूछे जाने वाले महत्व पूर्ण प्रश्नोत्तर :–
विधुत आवेश:—
किसी पदार्थ का वह गुण ,जिसके कारण उसमें विद्युत तथा चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न होते हैं विद्युत आवेश कहलाते हैं इसे q प्रदर्शित करते हैं।
इसका मात्रक कुलाम होता है।
q=ne , कुलाम
जहां n इलेक्ट्रान की संख्या तथा e इलेक्ट्रान पर अवेश हैं।
विद्युत धारा:—
किसी चालक में विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं इसे i से प्रदर्शित करते हैं।
इसका मात्रक कुलाम/सेकंड या एम्पियर होता है।
I=q/t ,एम्पियर
जहां q आवेश तथा t समय हैं।
विधुत विभव:—
एकांत धन आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी बिंदु तक लाने में किया गया कार्य को उस बिंदु का विद्युत विभव कहते हैं इसे v से प्रदर्शित करते हैं इसका मात्रक जूल /कुलाम या बोल्ट होता है।
V=w/q, वोल्ट
विद्युत विभवांतर:—
किसी धारावाहि विधुत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विद्युत विभवांतर वह कार्य है जो एकांक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में किया जाता है इसे प्रदर्शित करते हैं इस मात्रक भी बोल्ट होता है।
∆V=w/q , वोल्ट
विद्युत उर्जा: —
किसी चालक में विद्युत आवेश प्रवाहित होने के कारण जो उर्जा व्यय होता है उसे विद्युत ऊर्जा कहते हैं।
ओम का नियम:—
जब किसी चालक का ताप तथा अन्य भौतिक अवस्थाएं (जैसे लंबाई, क्षेत्रफल) आदि नहीं बदलती तो उनके सिरों पर लगाए गए विभवांतर वह उसमें बहने वाली धारा का अनुपात नियत रहता है।
v/i=R(नितांक)
R को चालक का विद्युत प्रतिरोध कहते हैं।
विद्युत प्रतिरोध:—
किसी चालक का वह गुण, जिसके कारण वह उस में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है चालक का विद्युत प्रतिरोध कहलाता है इसका मात्रक बोल्ट / एंपियर अथवा ओम होता है।
R=V/i ,ओम
विशिष्ट प्रतिरोध:—
किसी चालक तार का प्रतिरोध तार की लंबाई (l) के अनुकर्मानुपाती तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (A) के वियुतकर्मानुपाती होता है। इसे p(रो) से प्रदर्शित करते हैं।
इसका मात्रक ओम —मीटर होता है।
P=RA/L, ओम —मीटर
जहां R विधुत प्रतिरोध तथा A क्षेत्रफल तथा L लंबाई हैं।
प्रतिरोधो का संयोजन:—
1. श्रेणी क्रम संयोजन:—
श्रेणी क्रम संयोजन में प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि प्रत्येक प्रतिरोध का दूसरा सिरा अगले वाले प्रतिरोध के पहले सिरे से जुड़ा हो इस प्रकार के संयोजन में सभी प्रतिरोध में एक समान धारा प्रवाहित होती है।
तुल्य प्रतिरोध R=R'+R"+R"'
2. समांतर क्रम संयोजन:—
समांतर क्रम संयोजन में सभी प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि सभी के पहले सिरो को एक बिंदु से तथा दूसरे सिरे दूसरे बिन्दु से जुड़े हैं इस प्रकार के संयोजन में सभी प्रतिरोधों के सिरा के बीच विभवांतर समान होता है।
तुल्य प्रतिरोध 1/R=1/R'+1/R"+1/R"'
महात्यपूर्ण बिंदु:
एक कूलाम आवेश उस विद्युत आवेश के तुल्य है जो लगभग 6× 10¹⁸ इलेक्ट्रॉनों में उपस्थित होता है।


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