हैलोएलकेन:—
हैलोजन परमाणुओं द्वारा हाइड्रोकार्बन से एक या एक से अधिक हाइड्रोजन परमाणुओ के प्रतिस्थापन से उत्पन्न होने वाले योगिको को हैलोएलकेन या एल्किल हाइलाइड कहते हैं ।
जहां x हैलोजन परमाणु हैं।
एल्किल हैलाइडो का वर्गीकरण :—
हैलोजन परमाणुओं की संख्या के आधार पर एल्किल हैलाइड को निम्न चार वर्गों में विभाजित किया गया है।
1). मोनोहैलाइड:—
जब एक हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन एक हैलोजन परमाणुओं द्वारा करने पर प्राप्त योगिक मोनोहैलाइड कहलाता है इन्हें हैलोएल्केन भी कहते हैं।इसका सामान्य सूत्र:— CnH2 n +1
इसमें एक हैलोजन परमाणु जुड़ा रहता है।
X = फ्लोरिन, ब्रोमिन, आयोडीन, क्लोरिन
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2). डाइहैलाइड:—
दो हाइड्रोजन परमाणुओं का प्रतिस्थापन दो हैलाइड परमाणुओं द्वारा करने पर प्राप्त यौगिक डाइहैलाइड कहलाता है ।इनका सामान्य सूत्र — CnH2n
इसमें दो हैलोजन परमाणु जुड़े रहते हैं।
3.) ट्राई हैलाइड :—
तीन हाइड्रोजन परमाणुओं का प्रतिस्थापन तीन हैलोजन परमाणुओं द्वारा करने पर प्राप्त योगिक ट्राई हैलाइड कहलाता हैइसका सामान्य सूत्र :— CnH 2n -1
इसमें तीन हैलोजन परमाणु जुड़े रहते हैं।
4.) टेट्रा हैलाइड :—
जब चार हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन चार हैलोजन परमाणुओं द्वारा करने पर प्राप्त योगिक टेट्रा हैलाइड कहलाता हैइसका सामान्य सूत्र :— CnH 2n–2
इसमें चार हैलोजन परमाणु जुड़े रहते हैं।
हैलोजन परमाणु युक्त कार्बन की प्रकृति के आधार पर एल्किल हैलाइड का वर्गीकरण:—
1.) प्राथमिक या 1⁰ एल्किल हैलाइड :—
जिन हैलोएल्केन में हैलोजन परमाणु एक प्राथमिक कार्बन से जुड़ा रहता है उन्हें प्राथमिक अथवा 1⁰ एल्किल हैलाइड कहा जाता है।
2.) द्वितीयक या 2⁰ एल्किल हैलाइड :—
जिन हैलोएल्केन में हैलोजन परमाणु एक द्वितीयक कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है उन्हें द्वितीयक या 2⁰ एल्किल हैलाइड कहा जाता हैं।
3.) तृतियक या 3⁰ एल्किल हैलाइड:—
जिन हैलोएल्केन में हैलोजन परमाणु एक तृतीयक कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है उन्हें तृतियक या 3⁰ एल्किल हैलाइड कहा जाता है । इसे टर्सरी भी कहा जाता है।
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