रिक्तिका दोष एवं अन्तराकाशी दोष: परिभाषा, विशेषताएँ एवं अंतर
रिक्तिका दोष (Vacancy Defect):
जब क्रिस्टल के जालक से कोई अवयवी कण अपने नियमित स्थान (जालक बिंदु) से हट जाता है और वह स्थान रिक्तरिक्तिका दोष
कहा जाता है।- इस दोष से पदार्थ का घनत्व कम
- यह दोष सामान्यतः पदार्थ को गर्म करने पर उत्पन्न होता है।
- इसे ऊष्मागतिकी दोष (Thermodynamic Defect) भी कहा जाता है।
उदाहरण: NaCl, KCl, AgBr आदि।
अन्तराकाशी दोष (Interstitial Defect):
जब कोई अवयवी कण अपने निर्धारित स्थान पर न रहकर जालक के अन्तराकाशी स्थान में चला जाता है, तो इसे अन्तराकाशी दोष कहते हैं।
- इस दोष में क्रिस्टल का घनत्व बढ़ जाता है।
- यह कण जालक में भीतर की खाली जगह में प्रवेश कर जाता है।
उदाहरण: ZnO को गर्म करने पर Zn2+ आयन अन्तराकाशी स्थल पर चला जाता है।
रिक्तिका दोष और अन्तराकाशी दोष में अंतर:
विशेषता | रिक्तिका दोष | अन्तराकाशी दोष |
---|---|---|
कण कहाँ से हटता है | नियमित स्थान से हटता है | अन्तराकाशी स्थान में चला जाता है |
घनत्व पर प्रभाव | घनत्व घटता है | घनत्व बढ़ता है |
उत्पत्ति का कारण | ताप बढ़ने पर | अतिरिक्त कण की उपस्थिति |
अन्य नाम | ऊष्मागतिकी दोष | - |
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