दाब विद्युत, ताप विद्युत, लौह विद्युत एवं अतिचालकता की परिभाषा
1. दाब विद्युत (Piezoelectricity):
यदि किसी कुल द्विध्रुव आघूर्ण युक्त अचालक क्रिस्टल पर बाह्य बल अथवा यान्त्रिक प्रतिबल आरोपित किया जाए, तो आयनों के विस्थापन के कारण विद्युत ध्रुवणता उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार उत्पन्न विद्युत को दाब विद्युत
इसके विपरीत, जब ऐसे क्रिस्टल को बाह्य विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है, तो आयनों के विस्थापन से यांत्रिक प्रतिबल उत्पन्न होता है। ये क्रिस्टल यांत्रिक विद्युतीय ट्रांसड्यूसर के रूप में कार्य करते हैं।
उदाहरण: लेड जिरकोनेट (PbZrO₂), अमोनियम डाइहाइड्रोजन फॉस्फेट (NH₂H₃PO₄), बेरियम टाइटेनेट आदि।
प्रमुख उपयोग:
- रिकॉर्ड प्लेयर में विद्युत संकेतक के रूप में
- ग्रामोफोन रिकॉर्ड में ध्वनि उत्पन्न करने हेतु
- सोनार सूचक, अल्ट्रासोनिक जनरेटर, विकृतिमापी आदि में पिकअप के रूप में
2. ताप विद्युत (Pyroelectricity):
जब कुल द्विध्रुव आघूर्ण युक्त अचालक क्रिस्टलों को गर्म किया जाता है, तो आयनों या परमाणुओं के विस्थापन के कारण विद्युत ध्रुवणता उत्पन्न होती है। इस परिघटना को ताप विद्युत
3. लौह विद्युत (Ferroelectricity):
कुछ अचालकों में द्विध्रुवों का ध्रुवण विद्युत क्षेत्र के बिना भी होता है। यदि ऐसे क्रिस्टलों पर विद्युत क्षेत्र लगाया जाए, तो द्विध्रुवों की दिशा विपरीत हो जाती है। इस परिघटना को लौह विद्युत
उदाहरण: रोशेल लवण (NaK टारट्रेट), बेरियम टाइटेनेट (BaTiO₃), पोटैशियम डाइहाइड्रोजन फॉस्फेट।
नोट: जिन क्रिस्टलों का परिणामी द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है, उन्हें प्रति-लौह विद्युत उदाहरण: PbZrO₃
4. अतिचालकता (Superconductivity):
ऐसे पदार्थ जिनमें विद्युत धारा का प्रवाह करते समय प्रतिरोध शून्य हो जाता है, उन्हें अतिचालकअतिचालकता
इसकी खोज कैमरलिंग ऑनेस
उदाहरण: पारा (Hg), निओबियम (Nb), टिन (Sn), और मिश्रधातुएँ।
न्यूनतम तापक्रांतिक ताप (Critical Temperature)संक्रमण ताप (Transition Temperature)
नोट: मुद्रा धातुएँ जैसे Cu, Ag, Au अच्छी चालक होती हैं पर ये अतिचालक
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