X-किरण विवर्तन तथा बैग समीकरण (X-Rays Diffraction and Bragg's Equation):-
X-किरण विवर्तन विधि द्वारा ठोसों की क्रिस्टलीय संरचना का अध्ययन किया जाता है, क्योंकि जब X-किरण पुंज को किसी क्रिस्टल पर डालते हैं, तो क्रिस्टल की संरचनात्मक इकाइयाँ इनसे अन्योन्य क्रिया (Interaction) करके X-किरणों का विवर्तन कर देती हैं।
यदि ये विवर्तित तरंगें समान प्रावस्था में होती हैं, तो वे एक-दूसरे को प्रबलित करती हैं, जिससे मार्ग में रखी फोटोग्राफिक प्लेट पर चमकदार धब्बों की एक श्रेणी प्राप्त होती है। परन्तु यदि ये विवर्तित तरंगें समान प्रावस्था में नहीं होती हैं, तो ये एक-दूसरे के प्रभाव को निरस्त कर देती हैं एवं फोटोग्राफिक प्लेट पर गहरे धब्बे (Dark spots) उत्पन्न होते हैं।
डब्ल्यू एल ब्रैग (W. L. Bragg) तथा डब्ल्यू एच ब्रैग (W. H. Bragg) ने इस सिद्धांत का प्रयोग करते हुए ZnS (जिंक ब्लैण्डी) की संरचना का निर्धारण किया तथा उन्होंने निम्नलिखित निष्कर्ष प्राप्त किए:
- (i) क्रिस्टल की उत्तरोत्तर सतह द्वारा X-किरणों का विवर्तन परावर्तन के नियम का पालन करता है।
- (ii) परावर्तित किरणें केवल उस समय ही समान प्रावस्था में होती हैं, जब उत्तरोत्तर सतहों के मध्य की दूरी के अंतर का मान, उनके तरंगदैर्ध्य का एक पूर्ण गुणक हो।
इन निष्कर्षों के आधार पर वैज्ञानिकों ने निम्नलिखित ब्रैग समीकरण (Bragg's Equation) प्रतिपादित किया:
nλ = 2d sinθ
यहाँ:
- λ = तरंगदैर्ध्य (Wavelength)
- θ = क्रिस्टल सतह एवं अपवर्तित तरंग के बीच का कोण (Angle of Incidence)
- d = क्रिस्टल में दो परमाणु सतहों के बीच की दूरी
- n = पूर्णांक (Order of reflection)
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