आयनिक ठोस (Ionic Solids):-
आयनिक ठोस उन ठोसों को कहते हैं जिनके अवयवी कण धनायन (Cations) एवं ऋणायन (Anions) होते हैं। ये आयन एक-दूसरे के बीच कूलम्बिक आकर्षण बलों (Electrostatic Forces) द्वारा आबद्ध होते हैं, जिन्हें आयनिक बंध
आयनिक ठोसों के मुख्य लक्षण:
- कठोर एवं भंगुर: आयनिक ठोस बहुत कठोर होते हैं लेकिन भंगुर भी होते हैं।
- उच्च गलनांक एवं क्वथनांक: इनकी स्थायिता के कारण इनका गलनांक एवं क्वथनांक अधिक होता है।
- घनात्मक एवं ऋणात्मक आयनों की संख्या: प्रत्येक आयन विपरीत आवेश वाले आयनों से एक निश्चित संख्या में घिरा होता है। यह संख्या त्रिज्या अनुपात (r⁺/r⁻) पर निर्भर करती है।
- विद्युत चालकता: ठोस अवस्था में विद्युत के कुचालक होते हैं, परंतु पिघली अवस्था या जलीय विलयन में विद्युत के सुचालक बन जाते हैं।
उदाहरण:
NaCl, KCl, KClO2, धातु ऑक्साइड (जैसे MgO, CaO) आदि।
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