सहसंयोजक अथवा नेटवर्क (जालक) ठोस (Covalent or Network Solids):-
सहसंयोजक ठोसों में अवयवी कणों (परमाणुओं) के मध्य सहसंयोजक आबन्ध पाया जाता है, जिससे ये एक त्रिविम जालक (Three-dimensional network) का निर्माण करते हैं, जो पूर्ण क्रिस्टल में विस्तारित रहता है। इसी कारण अवयवी कण आपस में अत्यंत प्रबलता से आबन्धित रहते हैं।
इसका परिणाम यह होता है कि ये ठोस अत्यधिक कठोरभंगुर
इन ठोसों के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- उच्च गलनांक: त्रिविमीय संरचना के कारण इनका गलनांक बहुत अधिक होता है। सामान्यतः ये गलन से पहले ही अपघटित हो जाते हैं।
- विद्युत चालकता: इन ठोसों में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण ये सामान्यतः विद्युत के कुचालकग्रेफाइट
उदाहरण: हीरा (Diamond), ग्रेफाइट (Graphite), सिलिकॉन कार्बाइड (SiC), आदि।
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