संधारित्र का श्रेणीक्रम व समानांतर संयोजन
संधारित्रों का संयोजन (Combination of Capacitors): विभिन्न परिपथों में अलग-अलग धारिताओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए संधारित्रों को श्रेणीक्रम (Series) व समानांतर क्रम (Parallel) में जोड़ा जाता है।
1. श्रेणी क्रम संयोजन (Series Combination):
जब संधारित्रों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि एक संधारित्र की दूसरी प्लेट, अगले संधारित्र की पहली प्लेट से जुड़ी हो, तो उसे श्रेणीक्रम संयोजन कहते हैं।
- सभी संधारित्रों पर आवेश (Q) समान होता है।
- विभवांतर (V) अलग-अलग हो सकता है।
सूत्र:
माना तीन संधारित्र C₁, C₂, C₃ श्रेणीक्रम में जुड़े हैं:
1/C = 1/C₁ + 1/C₂ + 1/C₃
निष्कर्ष: श्रेणी क्रम में संयोजन की कुल धारिता, सबसे कम धारिता वाले संधारित्र से भी कम होती है।
2. समानांतर क्रम संयोजन (Parallel Combination):
जब सभी संधारित्रों की पहली प्लेट बैटरी के धन सिरे से और दूसरी प्लेट ऋण सिरे से जुड़ी होती है, तो उसे समानांतर क्रम संयोजन कहते हैं।
- सभी संधारित्रों पर विभवांतर (V) समान होता है।
- आवेश (Q) भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।
सूत्र:
माना तीन संधारित्र C₁, C₂, C₃ समानांतर में जुड़े हैं:
C = C₁ + C₂ + C₃
निष्कर्ष: समानांतर संयोजन की कुल धारिता, सभी धारिताओं के योग के बराबर होती है और सबसे बड़ी धारिता वाले संधारित्र से अधिक होती है।
📚 उदाहरण:
- यदि तीन संधारित्र की धारिता C₁ = 2μF, C₂ = 3μF, C₃ = 6μF हो,
- तो श्रेणीक्रम में:
1/C = 1/2 + 1/3 + 1/6 = 1 ⇒ C = 1μF - और समानांतर में:
C = 2 + 3 + 6 = 11μF
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