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चुम्बकीय ठोसों के प्रकार: अनुचुम्बकीय, प्रतिचुम्बकीय, लौहचुम्बकीय, प्रति-लौहचुम्बकीय और फेरीचुम्बकीय ठोस | Magnetic Solids in Hindi

चुम्बकीय ठोसों के प्रकार: अनुचुम्बकीय, प्रतिचुम्बकीय, लौहचुम्बकीय, प्रति-लौहचुम्बकीय और फेरीचुम्बकीय ठोस :-



रसायन विज्ञान में ठोसों को उनके चुम्बकीय गुणों के आधार पर पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। ये हैं: अनुचुम्बकीय (Paramagnetic), प्रतिचुम्बकीय (Diamagnetic), लौहचुम्बकीय (Ferromagnetic), प्रति-लौहचुम्बकीय (Antiferromagnetic) और फेरीचुम्बकीय (Ferrimagnetic) ठोस। नीचे इनके बारे में विस्तार से बताया गया है:

1. अनुचुम्बकीय ठोस (Paramagnetic Solids)

ऐसे ठोस जिन्हें चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर वे दुर्बल रूप से आकर्षित होते हैं, तथा चुम्बकीय क्षेत्र हटाने पर अपना चुम्बकत्व खो देते हैं, उन्हें अनुचुम्बकीय ठोस कहते हैं।

  • इनमें अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं जो चुम्बकीय क्षेत्र में छोटे चुम्बक की तरह व्यवहार करते हैं।
  • चुम्बकीय गुण अस्थायी होते हैं।
  • उदाहरण: O₂, NO, Fe, Co, Mn, Cr, Cu²⁺

2. प्रतिचुम्बकीय ठोस (Diamagnetic Solids)

ऐसे ठोस जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं, वे प्रतिचुम्बकीय कहलाते हैं।

  • इनमें सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित अवस्था में होते हैं।
  • एक इलेक्ट्रॉन द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय आघूर्ण, विपरीत दिशा के इलेक्ट्रॉन द्वारा निरस्त हो जाता है।
  • उदाहरण: H₂O, Cu₂O, NaCl, TiO₂ (शुद्ध अवस्था में)

3. लौहचुम्बकीय ठोस (Ferromagnetic Solids)

ऐसे ठोस जो चुम्बकीय क्षेत्र में प्रबल रूप से आकर्षित होते हैं और क्षेत्र हटाने के बाद भी चुम्बकत्व बनाए रखते हैं, लौहचुम्बकीय ठोस कहलाते हैं।

  • इनके आयन डोमेन (Domains) बनाते हैं, जो चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अभिविन्यासित होते हैं।
  • चुम्बकीय क्षेत्र हटाने के बाद भी ये डोमेन अपनी स्थिति बनाए रखते हैं।
  • उदाहरण: Fe, Co, Ni, CrO₂
  • उपयोग: Cro₂ का उपयोग ऑडियो टेप में होता है।

4. प्रति-लौहचुम्बकीय पदार्थ (Antiferromagnetic Substances)

इनकी संरचना लौहचुम्बकीय जैसी होती है, लेकिन इनके डोमेन विपरीत दिशा में अभिविन्यासित होते हैं जिससे नेट चुम्बकीय आघूर्ण शून्य हो जाता है।

  • इनमें भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं।
  • विपरीत दिशा में डोमेनों के कारण चुम्बकीय प्रभाव निरस्त हो जाता है।

5. फेरीचुम्बकीय पदार्थ (Ferrimagnetic Substances)

इनकी संरचना लौहचुम्बकीय ठोसों जैसी होती है लेकिन इनमें विपरीत दिशा में डोमेनों का विन्यास असमान होता है।

  • इनका नेट चुम्बकीय आघूर्ण बहुत कम होता है।
  • ये दुर्बल रूप से आकर्षित होते हैं।
  • गर्म करने पर ये फेरीचुम्बकत्व खो देते हैं और अनुचुम्बकीय बन जाते हैं।

निष्कर्ष:

चुम्बकीय ठोसों के विभिन्न प्रकार उनके अणुगत इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था एवं डोमेन संरचना पर आधारित होते हैं। इनका प्रयोग ट्रांजिस्टर, मैग्नेटिक टेप, मेमोरी डिवाइस, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स के अनेक क्षेत्रों में होता है।

टैग्स: Paramagnetic solids, diamagnetic examples, Ferromagnetic solids in Hindi, magnetic properties of solids, class 12 chemistry Hindi notes

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