विद्युतचुम्बकीय तरंगें क्या हैं? | Electromagnetic Waves in Hindi
📘 परिभाषा:
वे तरंगें जिन्हें संचरित होने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves) कहते हैं। ये तरंगें निर्वात (Vacuum) में भी गति कर सकती हैं।
इनका उपयोग अंतरिक्ष में संचार (communication) जैसे मोबाइल, उपग्रह, और रेडियो प्रसारण में किया जाता है।
⚡ उत्पत्ति का सिद्धांत:
जब चुम्बकीय क्षेत्र समय के साथ परिवर्तित होता है तो विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है, और जब विद्युत क्षेत्र परिवर्तित होता है तो वह चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।
मैक्सवेल ने सबसे पहले यह सिद्ध किया कि विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर एक-दूसरे को उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे एक विशेष प्रकार की तरंग बनती है जिसे विद्युत चुंबकीय तरंग कहते हैं।
🔬 विद्युतचुम्बकीय तरंगों के गुण:
- ये उदासीन तरंगें होती हैं, अर्थात इन पर कोई आवेश नहीं होता।
- विद्युत क्षेत्र (E), चुम्बकीय क्षेत्र (B), और तरंग संचरण दिशा – तीनों एक-दूसरे के लंबवत होते हैं।
- ये अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves) होती हैं।
- इनकी गति प्रकाश के वेग (c = 3×108 m/s) के बराबर होती है।
- इनमें ऊर्जा और संवेग
- इनकी खोज मैक्सवेल ने की थी।
📌 विद्युतचुम्बकीय तरंगों के उदाहरण:
- रेडियो तरंगें (Radio Waves)
- सूक्ष्मतरंगें (Microwaves)
- इन्फ्रारेड तरंगें (Infrared)
- प्रकाश तरंगें (Visible Light)
- अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें
- एक्स किरणें (X-rays)
- गामा किरणें (Gamma Rays)
📚 विस्थापन धारा क्या होती है?
जब किसी संधारित्र (Capacitor) में परिवर्ती धाराविस्थापन धारा
उत्पन्न होती है, जो वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र का कारण बनती है।मैक्सवेल ने विस्थापन धारा को शामिल कर विद्युत चुंबकीय तरंगों की पूर्ण व्याख्या की थी।
📌 विस्थापन धारा का सूत्र:
Id = ε0 (dΦE/dt)
जहाँ Id = विस्थापन धारा,
ε0 = निर्वात नियतांक,
ΦE = विद्युत फ्लक्स
🛰️ उपयोग और महत्त्व:
- रेडियो और टीवी प्रसारण
- मोबाइल नेटवर्क और सैटेलाइट संचार
- मेडिकल एक्स-रे
- रडार और अंतरिक्ष अन्वेषण
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