थायोनिल क्लोराइड अभिक्रिया (डार्जेन्स अभिक्रिया) | Darzens Reaction in Hindi:-
परिभाषा:-
जब किसी ऐल्कोहॉल को पिरीडीन की उपस्थिति में थायोनिल क्लोराइड (SOCl2) के साथ गर्म किया जाता है, तो ऐल्किल क्लोराइड का निर्माण होता है। इस अभिक्रिया को डार्जेन्स अभिक्रिया (Darzens Reaction) कहा जाता है।
अभिक्रिया का समीकरण:
R-OH + SOCl₂ + Pyridine → R-Cl + SO₂ + HCl
प्रयोग (Uses):
- यह अभिक्रिया प्राथमिक और द्वितीयक ऐल्कोहॉल को ऐल्किल क्लोराइड में बदलने के लिए प्रयोग की जाती है।
- कार्बनिक संश्लेषण (Organic Synthesis) में महत्वपूर्ण है।
- हेलोजन युक्त यौगिकों की तैयारी में सहायक है।
मुख्य बिंदु:
- थायोनिल क्लोराइड (SOCl₂) का प्रयोग क्लोरीन देने के लिए होता है।
- पिरीडीन एक बेस के रूप में कार्य करता है जो HCl को अवशोषित करता है।
- यह अभिक्रिया सुचारु, उच्च उपज देने वाली एवं शुद्ध उत्पाद प्रदान करती है।
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