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अल्फा, बीटा, गामा किरणें: अंतर, खोज, गुण, उपयोग | Alpha Beta Gamma Rays in Hindi

अल्फा, बीटा, गामा किरणें: अंतर, खोज, गुण, उपयोग | Alpha Beta Gamma Rays in Hindi

🔬 अल्फा किरणें (α rays)

अल्फा किरणें हीलियम परमाणु के नाभिक से बनी होती हैं। ये कणात्मक किरणें होती हैं जिन पर +2 आवेश और प्रोटॉन के द्रव्यमान का चार गुना भार होता है।

  • कम भेदन क्षमता (0.1 मिमी एल्यूमिनियम तक)
  • चुम्बकीय एवं विद्युत क्षेत्र से विक्षेपित होती हैं
  • प्रकाश के वेग का 1/10 गति
  • गैस आयनीकरण की क्षमता सबसे अधिक
  • प्रतिदीप्ति (fluorescence) उत्पन्न करती हैं

⚡ बीटा किरणें (β rays)

ये तेज़ गति से चलने वाले इलेक्ट्रॉन होते हैं जिन पर -1 आवेश होता है।

  • प्रकाश के वेग के बराबर गति
  • भेदन क्षमता अल्फा से 100 गुना अधिक
  • गैस का आयनीकरण करती हैं
  • फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित करती हैं
  • कृत्रिम रेडियोएक्टिवता उत्पन्न कर सकती हैं

🌈 गामा किरणें (γ rays)

गामा किरणें विद्युतचुंबकीय तरंगें हैं जो बिना द्रव्यमान और बिना आवेश के होती हैं।

  • विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र से अप्रभावित
  • भेदन क्षमता सबसे अधिक (30 सेमी लोहे की चादर भेद सकती हैं)
  • फोटोग्राफी प्लेट व ऊष्मीय प्रभाव
  • ऊर्जा और संवेग लिए होती हैं

📘 रेडियोसक्रियता (Radioactivity)

वे तत्व जो स्वतः विघटित होकर किरणें उत्सर्जित करते हैं, रेडियोधर्मी तत्व कहलाते हैं।

🔎 खोजकर्ता:

  • हेनरी बैकुरल (1896): यूरेनियम से रेडियोसक्रियता की खोज
  • मैडम क्यूरी: रेडियम और पोलोनियम की खोज
  • रदरफोर्ड (1902): अल्फा, बीटा, गामा किरणों की पहचान

📊 वर्ग या समूह विस्थापन नियम:

  • 1 अल्फा कण निकलने पर: परमाणु भार -4, परमाणु क्रमांक -2
  • 1 बीटा कण निकलने पर: परमाणु क्रमांक +1 (परमाणु भार अपरिवर्तित)

⏳ अर्ध-आयु (Half-Life):

किसी रेडियोधर्मी पदार्थ का द्रव्यमान जिस समय में आधा रह जाता है, वही उसकी अर्ध-आयु कहलाती है।

  • पोलोनियम: लगभग 104 सेकण्ड
  • यूरेनियम: लगभग 4.5 × 10⁹ वर्ष
  • यह तत्व की प्रकृति पर निर्भर करता है, बाहरी प्रभावों से नहीं बदलता।

📏 रेडियोसक्रियता की इकाई:

1 क्यूरी = 3.705 × 10¹⁰ विखंडन प्रति सेकण्ड

🧪 कृत्रिम रेडियोसक्रियता:

स्थायी तत्वों को कृत्रिम विधियों द्वारा रेडियोसक्रिय बनाना। खोज: आइरीन क्यूरी और एफ. जोलियोट (1934)

📌 निष्कर्ष:

अल्फा, बीटा और गामा किरणें परमाणु विघटन के दौरान उत्सर्जित होने वाली अद्भुत ऊर्जावान किरणें हैं जिनका उपयोग चिकित्सा, परमाणु ऊर्जा और वैज्ञानिक अनुसंधान में होता है।

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