कक्षा 12 गणित पाठ – 12: रैखिक प्रोग्रामन (Linear Programming)
यह अध्याय गणित की एक महत्वपूर्ण शाखा इष्टतमीकरण (Optimization) पर आधारित है, जो रैखिक असमिकाओं और समीकरणों की सहायता से वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है।
Exercise 12.1: रैखिक प्रोग्रामन की अवधारणाएँ
- प्रश्न 1: रैखिक प्रोग्रामन क्या है?
- प्रश्न 2: उद्देश्य फलन क्या होता है?
- प्रश्न 3: व्यवहारिक क्षेत्र (Feasible Region) क्या होता है?
- प्रश्न 4: रेखीय असमिकाएं क्या हैं?
उत्तर: रैखिक प्रोग्रामन एक ऐसी गणितीय तकनीक है जिसके द्वारा किसी उद्देश्य फलन (Objective Function) को अधिकतम या न्यूनतम किया जाता है, बशर्ते कि कुछ रैखिक सीमाएं (Linear Constraints) दी गई हों।
उत्तर: उद्देश्य फलन वह गणितीय व्यंजक होता है जिसका मान अधिकतम या न्यूनतम करना होता है। जैसे: Z = ax + by
उत्तर: व्यवहारिक क्षेत्र वह क्षेत्र होता है जहाँ दी गई सभी असमिकाएं (constraints) संतुष्ट होती हैं।
उत्तर: वे असमिकाएं जिनमें चर रैखिक रूप में होते हैं, जैसे x + y ≤ 5।
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❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: रैखिक प्रोग्रामन का जनक किसे कहा जाता है?
जॉर्ज डैंटज़िग (George Dantzig) को रैखिक प्रोग्रामन का जनक माना जाता है।
Q2: व्यवहारिक क्षेत्र कैसे ज्ञात करते हैं?
सभी असमिकाओं को ग्राफ पर प्लॉट कर के जहाँ वे संतुष्ट होती हैं, वह क्षेत्र व्यवहारिक क्षेत्र कहलाता है।
Q3: उद्देश्य फलन को अधिकतम या न्यूनतम कैसे किया जाता है?
Feasible Region के कोनों (Corner Points) पर Z = ax + by का मान निकालकर तुलना करते हैं।
Q4: रैखिक प्रोग्रामन का प्रयोग कहाँ होता है?
यह उद्योग, परिवहन, व्यवसाय, परियोजना योजना आदि में निर्णय लेने के लिए प्रयोग होता है।
Q5: क्या यह अध्याय बोर्ड परीक्षा में आता है?
हाँ, यह अध्याय कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
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