हैलाइड विनिमय विधि (कोनॉट-फिन्केल्स्टाइन) अभिक्रिया:-
ऐल्किल आयोडाइडों के निर्माण हेतु यह अभिक्रिया सर्वाधिक उपयोगी है।
" ऐसीटोन की उपस्थिति में क्लोरो या ब्रोमो ऐल्केनों की सोडियम आयोडाइड (Nal) के साथ क्रिया कराने पर आयोडो ऐल्केन प्राप्त होते हैं। यह अभिक्रिया कोनॉट-फिन्केल्स्टाइन अभिक्रिया (Konart-Finkelstein reaction) कहलाती है।
CH3CH2Cl + Nal→ CH3CH2I + NaCl
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