फास्फोरस:–
उपलब्धता :–
फास्फोरस प्राकृत में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है यह संयुक्त फास्फेटो के रूप में मिलता है ,जिनमें मुख्य फास्फेट खनिज निम्नलिखित है।
1.फास्फेट सेल:–[Ca३ (po4)३]
फास्फोरस सभी जीव जंतुओं और पेड़-पौधों का एक आवश्यक अवयव है ,हड्डियों और दातों में फॉस्फोरिक कैल्सियम फास्फेट के रुप में पाया जाता है।
सफेद फास्फोरस:–
बनाने की विधि:–
हड्डी की राख या (फास्फेट सेल) के चूर्ण को सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करते हैं इससे आर्थो फास्फोरिक (H३ po4)अम्ल और कैल्शियम सल्फेट(Ca so4) बनता है फिर पुनः ऑर्थोफॉस्फोरिक एसिड को तेज गर्म करने पर मेटा फास्फोरिक एसिड(Hpo३) में अब घटित हो जाता है।
P4(वाइट फास्फोरस ) के गुण:–
1. P4 रंगहीन आणविक ठोस है।
2. इसका गलनांक 44°c है तथा क्वथनांक 287°c है ।
3. जल में अविलेय है, परंतु कार्बनिक विलायको में विलेय है।
कार्बनिक विलायक –जैसे( इथर, अल्कोहल, बेंजीन)
रसायनिक गुण :–
1.हैलोजन से संयोग:–
सफेद फास्फोरस हैलोजन से संयोग करके फास्फोरस ट्राई क्लोराइड और पेंटाक्लोराइड बनाता है।
2.सल्फर से संयोग:–
सफेद फास्फोरस सल्फर से संयोग करके फास्फोरस ट्राईसल्फाइड तथा पेंटासल्फाइड बनाता है।
3. NaoH से अभिक्रिया:–
सफेद फास्फोरस (p4) , NaoH और जल के साथ निष्क्रिय वातावरण में गर्म करने पर फास्फीन बनता है।
जल की उपस्थिति में क्लोरीन से अभिक्रिया:–
सफेद फास्फोरस(p4), क्लोरीन और जल के साथ अभिक्रिया करके आर्थोफोस्फोरिक बनता है ।
लाल फास्फोरस (p):–
लाल फास्फोरस साधारण ताप पर फास्फोरस का स्थाई रूप है। सफेद फास्फोरस की तुलना में बहुत कम अभिक्रियाशील है ।
लाल फास्फोरस के निर्माण की विधि:–
सफेद फास्फोरस को निष्क्रिय वातावरण में 240°c ताप पर गर्म करने पर वह लाल फास्फोरस में बदल जाता है।
लाल फास्फोरस के गुण:–
1.लाल फास्फोरस लाल रंग का गंधहीन चूर्ण है।
2.कार्बन डाईसल्फाइड ,क्लोरोफॉर्म , एल्कोहल आदि में यह अविलय है ।
3. 43 Atom दाब पर इसका गलनांक 589°c है।
रसायनिक गुण:–
1.लाल फास्फोरस को तेज गर्म करने पर वायु मे जलता है और फास्फोरस पेंटा ऑक्साइड बनाता है।
2. लाल फास्फोरस उच्च ताप पर क्लोरीन के साथ गर्म करने पर फास्फोरस पेंटाक्लोराइड बनाता है।
3. सफेद फास्फोरस से फॉस्फीन बनाने की विधि :–
4.सफेद फास्फोरस से आर्थोफास्फोरिक एसिड बनाने की विधि :–
5.पोटैशियम डाई क्रोमेट(k२ cr२o7) के अम्लीय विलयन में सल्फर डाई क्लोराइड(So२) गैस प्रवाहित की जाती है ।
6.लाल फास्फोरस को निष्क्रिय वातावरण में 290°c पर गर्म करने पर सफेद फास्फोरस में परिवर्तित हो जाता है।
फास्फोरस के उपयोग:–
1. दिया ,सलाई बनाने में ।
2.फास्फोरस ट्राई क्लोराइड और पेंटाफ्लोराइड बनाने में।
3. आतिशबाजी और विस्फोटक बनाने में।
4. अग्निबंब बनाने में।
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फॉस्फीन (pH३)गैस बनाने की प्रयोगशाला विधि, उपयोग, गुण
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