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सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन परिचय | प्रमुख रचनाएँ | Subhadra Kumari Chauhan Biography in Hindi

सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन परिचय (Subhadra Kumari Chauhan Biography in Hindi)

सुभद्राकुमारी चौहान हिन्दी साहित्य की प्रसिद्ध कवयित्री और स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थीं। इनका जन्म सन् 1904 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में एक सम्मानित परिवार में हुआ था। उनके पिता रामनाथ सिंह उदार और शिक्षित व्यक्ति थे।

वर्ष 1919 में इनका विवाह खण्डवा निवासी लक्ष्मण सिंह चौहान से हुआ। विवाह के बाद वे माखनलाल चतुर्वेदी के संपर्क में आयीं, जिससे उन्हें साहित्यिक प्रेरणा मिली।

🇮🇳 स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी:

सुभद्राकुमारी चौहान में राष्ट्रीयता की भावना बाल्यकाल से ही थी। सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और कई बार जेल यात्रा भी की। उनके पति भी पूर्णतः राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थक थे।

स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें विधान परिषद् की सदस्यता प्रदान की। दुर्भाग्यवश, सन् 1948 में एक मोटर दुर्घटना में उनका असामयिक निधन हो गया।

🖋️ सुभद्राकुमारी चौहान का साहित्यिक परिचय:

सुभद्राकुमारी चौहान का साहित्य भावात्मक गहराई, देशभक्ति और सामाजिक यथार्थ से परिपूर्ण है। उन्होंने खड़ी बोली में वात्सल्य, दाम्पत्य, और वीर रस की कविताओं की रचना की।

वे वीर रस की हिन्दी की प्रमुख एवं पहली कवयित्री मानी जाती हैं। उनके काव्य में भावना की प्रखरता और सरल भाषा का सुंदर संगम मिलता है।

📚 सुभद्राकुमारी चौहान की प्रमुख रचनाएँ:

  • काव्य संग्रह: मुकुल, नक्षत्र, त्रिधारा
  • सम्मान: 'मुकुल' काव्य संग्रह पर हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा सेक्सरिया पुरस्कार
  • कहानी संग्रह: उमादेनी, बिखरे मोती

📝 विशेषताएँ:

  • देशभक्ति और नारी-स्वतंत्रता का स्वर उनके साहित्य में गूंजता है।
  • उनकी 'झाँसी की रानी' कविता आज भी जनमानस में प्रसिद्ध है।
  • वे कविता और कहानी दोनों विधाओं में प्रवीण थीं।

🔚 निष्कर्ष:

सुभद्राकुमारी चौहान हिन्दी साहित्य की प्रखर और प्रेरणादायक स्त्री लेखिका थीं। उनकी रचनाएँ आज भी देशभक्ति, नारीशक्ति और सामाजिक चेतना की दृष्टि से अत्यंत प्रासंगिक हैं।

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