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सरदार पूर्ण सिंह का जीवन परिचय | प्रमुख निबंध, कृतियाँ और साहित्यिक योगदान

सरदार पूर्ण सिंह का जीवन परिचय (Sardar Purn Singh Biography in Hindi)

सरदार पूर्ण सिंह हिंदी गद्य-साहित्य के द्विवेदी युग के उत्कृष्ट एवं सफल निबंधकार थे। उन्होंने भावात्मक एवं लाक्षणिक शैली के निबंधों की रचना करके हिंदी निबंध साहित्य में एक नई परंपरा की शुरुआत की।

उनका जन्म 17 फरवरी 1881एबटाबाद (पंजाब) के एक गांव में हुआ था। उनकी माता एक धार्मिक और सात्विक महिला थीं, जिनसे बालक पूर्ण सिंह अत्यधिक प्रभावित हुए। हाई स्कूल के बाद वे लाहौर गए और वहां से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की।

इसके बाद वे रसायन शास्त्र का अध्ययन करने के लिए जापानइंपीरियल यूनिवर्सिटी में तीन वर्षों तक रसायनशास्त्र का अध्ययन किया। जापान में उनकी भेंट स्वामी रामतीर्थ

उन्होंने देहरादून के फॉरेस्ट इंस्टिट्यूट में कार्य किया, परंतु परिस्थितियां अनुकूल न होने के कारण उन्होंने नौकरी त्याग दी और पंजाब के जडांवाला

🕯️ मृत्यु:

सरदार पूर्ण सिंह का निधन 31 मार्च 1931देहरादून

📚 सरदार पूर्ण सिंह की प्रमुख कृतियाँ:

1. अंग्रेज़ी कृतियाँ:

  • The Story of Swami Ram
  • The Sketches from Sikh History
  • His Feet
  • Short Stories
  • Sisters of the Spinning Wheel
  • Guru Teghbahadur Life

2. पंजाबी कृतियाँ:

  • अविचल जोत
  • खुले मैदान
  • खुले खुंड
  • मेरा सांईं
  • कविदा दिल कविता

3. अन्य रचनाएँ:

  • वीणा प्लेयर्स
  • गुरु गोविंद सिंह
  • The Life and Teachings of Shri Guru Tegh Bahadur
  • On the Paths of Life
  • स्वामी रामतीर्थ की असली जिंदगी पर आधारित नज़र

🖊️ सरदार पूर्ण सिंह के निबंध:

  • मजदूरी और प्रेम
  • आचरण की सम्यता
  • सच्ची वीरता
  • अमेरिका का मस्त योगी
  • वाल्ट ह्विटमैन
  • कन्यादान
  • पवित्रता

🗣️ भाषा-शैली:

सरदार पूर्ण सिंह की भाषा शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है, जिसमें उर्दू-फारसी के शब्दों का सुंदर समावेश मिलता है। उनकी शैली भावात्मक, व्यंजनात्मक, और प्रेरणादायक है। कहीं-कहीं वे कवित्व की ओर मुड़ जाते हैं और कहीं-कहीं एक उपदेशक जैसे प्रतीत होते हैं। उनकी शैली को निजी और मौलिक शैली कहा जा सकता है।

🔚 निष्कर्ष:

सरदार पूर्ण सिंह ने अपने अल्पकालिक जीवन में हिंदी निबंध को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी रचनाएं आज भी पाठकों को प्रेरणा देती हैं। वे हिंदी साहित्य के एक अमर नक्षत्र हैं।

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