डॉ. विनयमोहन शर्मा का जीवन परिचय (Dr. Vinay Mohan Sharma Biography in Hindi)
डॉ. विनयमोहन शर्मा हिंदी साहित्य के एक बहुआयामी व्यक्तित्व थे, जिन्होंने कविता, आलोचना, शोध और निबंध जैसी विधाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उनका जन्म सन् 1905मध्यप्रदेश के कारकबेल कस्बे में हुआ था। उनका वास्तविक नाम शुकदेवप्रसाद तिवारी था। प्रारंभिक शिक्षा खंडवा (म.प्र.) में हुई और उच्च शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
सन् 1933 में उन्होंने वकालत शुरू की, लेकिन उनका झुकाव शिक्षा और साहित्य की ओर था। 1940 में वे सिटी कॉलेज, नागपुर में हिंदी प्राध्यापक नियुक्त हुए और बाद में नागपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष बने। यहीं से उन्हें Ph.D. उपाधि प्राप्त हुई। वे शासकीय स्नातक कला-विज्ञान महाविद्यालय में भी हिंदी विभागाध्यक्ष रहे।
सन् 1993 के सितंबर माह में भोपाल में उनका निधन हो गया।
🖊️ डॉ. विनयमोहन शर्मा का साहित्यिक परिचय:
शर्मा जी ने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत एक कवि के रूप में की। प्रारंभ में वे 'वीरात्मका' उपनाम से कविताएं लिखते थे। साहित्य में रुचि उन्हें छात्र जीवन से ही थी।
उनकी पहली काव्य कृति ‘भूले गीत’ सन् 1944 में प्रकाशित हुई, जो एक राष्ट्रीय भावभूमि पर आधारित संग्रह था।
उन्होंने गद्य और पद्य दोनों में उत्कृष्ट कृतियाँ दीं। विशेष रूप से शोध, समीक्षा और निबंध के क्षेत्र में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। उन्होंने शोध को वैज्ञानिक रूप प्रदान किया और साहित्य की नई पीढ़ी को मार्गदर्शन दिया।
📚 डॉ. विनयमोहन शर्मा की प्रमुख कृतियाँ:
📖 काव्य-संग्रह:
- भूले गीत (राष्ट्रीय काव्य-संग्रह)
📝 निबंध-संग्रह:
- दृष्टिकोण
- साहित्य शोध-समीक्षा
- साहित्यावलोकन
- भाषा निबंध-संग्रह
🔍 शोध-प्रबंध:
- हिंदी को मराठी संतों की देन
📚 शोध-विज्ञान:
- व्यावहारिक समीक्षा
- शोध प्रविधि
🖼️ संस्मरण व रेखाचित्र:
- रेखाएं और रंग
📚 आलोचना:
- कविप्रसाद का आँसू
- अन्य महत्वपूर्ण रचनाएँ
🔄 हिंदी रूपांतरण:
- हिंदी गीत गोविंद
🔚 निष्कर्ष:
डॉ. विनयमोहन शर्मा एक गंभीर विचारक, योग्य शोधकर्ता और हिंदी साहित्य के समर्पित साधक थे। उनकी रचनाएँ आज भी साहित्य प्रेमियों, शोधार्थियों और छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
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