आइंस्टीन के प्रकाश विधुत समीकरण:–
1905 में आइंस्टीन ने प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या प्लांक के क्वांटम सिद्धांत के आधार पर की।
इस सिद्धांत के अनुसार प्रकाश ऊर्जा के छोटे–छोटे पैक्टो अथवा बंडलो के रूप में उत्सर्जित होकर तरंगों के रूप में संचारित होता है जिन्हें फोटान कहते हैं। प्रत्येक फोटान की ऊर्जा hv ( निव )होती है ।
जहां h प्लांक नियतांक तथा v(निव) = आवृत्ति है।
Numerical:–
1. एक फोटो जिसकी उर्जा 66.3 इलेक्ट्रॉन वोल्ट है उसकी तरंग देर क्या होगी।
Solve:–
E = 66.3ev
= 66.3× 1.6 × 10-¹⁹ joule
h = 6.6 × 10-³⁴ joule sec
C = 3 × 10⁸ m/sec
E = hc/✓
✓ = hc/E
✓ = 6.6×10-³⁴ × 3×10⁸/66.3 ×1.6 ×10-¹⁹
✓ = 19.8×10-²⁶+¹⁹/66.3 ×1.6
✓ = 19.8 × 10–⁷/106.08
✓ = .18665 × 10-⁷
✓ = 186.65× 10–¹⁰
✓ = 186.65Å
कणों की तरंग प्रकृति:–
प्रकाश की कुछ घटनाओं जैसे– प्रकाश विद्युत प्रभाव, रमन प्रभाव आज की व्याख्या फोटॉन सिद्धांत से ही की जा सकती है।
इनको तरंग सिद्धांत से नहीं समझाया जा सकता। यह घटनाएं प्रकाश कि कण प्राकृत की पुष्टि करती हैं ।
दे ब्रोग्ली तरंगदैर्द्ध के लिए व्यंजक :–
प्रकाश के क्वान्टम सिद्धांत के अनुसार न्यू(v) आवृत्ति की प्रकाश तरंग के साथ संबंध स्रोत फोटोन की ऊर्जा(E = hv)
यदि फोटान को m द्रव्यमान का एक कण मान लिया जाए तो ,
आइंस्टीन के सिद्धांत के अनुसार फोटोन की ऊर्जा
E = hv...........(i)
E = mc² .........(ii)
समी ♥ (i) and (ii) से
hv = mc²
hc/✓ = mc²
mc = h/✓
क्योंकि फोटॉन प्रकाश की चाल c से चलता है अतः फोटॉन का संवेग
P = m× c
दे ब्रोग्ली ने यह माना कि अनुरूपता के अनुसार गतिमान द्रव्य कण के साथ संबद्ध तरंगदैर्द्ध ✓ = h/p
होता है।
यदि कण का द्रव्यमान(m) है तथा वह ( v) वेग से गतिमान है तो कण का संवेग p= mv है।
अतः गतिमान द्रव्य कण का तरंगदैर्द्ध
✓ = h/p = h/mv
जहां,h प्लांक नियतांक है। जिसका मान 6.63 × 10-³⁴ joule
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