वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) | बिन्दुस्रावण (Guttation) |
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वाष्पोत्सर्जन पादप की वायवीय सतह से रन्ध्र एवं वातरन्ध्र द्वारा होने वाली क्रिया है। | बिन्दुस्रावण जलरन्ध्रों से होने वाली एक निश्चित क्रिया है। |
इस प्रक्रिया में जल वाष्प के रूप में विसरित होता है। | इसमें जल कोशिका रस के रूप में उत्सर्जित होता है। |
इसके कारण उत्पन्न वाष्पोत्सर्जन आकर्षण के कारण जल का मूलों द्वारा निष्क्रिय अवशोषण होता है। | यह क्रिया जड़ के मूलदाब के कारण होती है। |
अन्तराकोशिकीय स्थानों में संचित जलवाष्प रन्ध्रों द्वारा विसरित होती है। | जाइलम वाहिकाओं के खुले सिरों से कोशिका रस तरल रूप में पत्तियों के शीर्ष आदि से निकलता दिखाई देता है। |
निष्कर्ष :
वाष्पोत्सर्जन और बिन्दुस्रावण दोनों ही पादप में जल उत्सर्जन की प्रक्रियाएँ हैं, लेकिन वाष्पोत्सर्जन में जल वाष्प के रूप में और बिन्दुस्रावण में जल तरल रूप में निकलता है।
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