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कक्षा 10 गणित - अध्याय 8: त्रिकोणमिति का परिचय 📐

कक्षा 10 गणित - अध्याय 8: त्रिकोणमिति का परिचय 📐

नमस्ते दोस्तों! आज हम कक्षा 10 गणित के अध्याय 8, त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction to Trigonometry), के बारे में जानेंगे। यह अध्याय बहुत ही रोचक है और त्रिकोणमिति की मूल बातें सिखाता है। त्रिकोणमिति, विशेष रूप से समकोण त्रिभुजों (right-angled triangles) की भुजाओं और कोणों के बीच के संबंधों का अध्ययन है।


1. त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios)

यह इस अध्याय का आधार है। एक समकोण त्रिभुज में, किसी न्यून कोण (acute angle), मान लीजिए कोण A, के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात उसकी भुजाओं की लंबाई के अनुपात के रूप में परिभाषित किए जाते हैं।

  • Sine (साइन A): कोण A की सम्मुख भुजा (लम्ब) और कर्ण का अनुपात।
    sin A = सम्मुख भुजा (लम्ब) / कर्ण

  • Cosine (कोसाइन A): कोण A की संलग्न भुजा (आधार) और कर्ण का अनुपात।
    cos A = संलग्न भुजा (आधार) / कर्ण

  • Tangent (टैनजेंट A): कोण A की सम्मुख भुजा (लम्ब) और संलग्न भुजा (आधार) का अनुपात।
    tan A = सम्मुख भुजा (लम्ब) / संलग्न भुजा (आधार)

इनके तीन व्युत्क्रम (reciprocal) अनुपात भी होते हैं:

  • Cosecant (csc A): 1 / sin A = कर्ण / लम्ब
  • Secant (sec A): 1 / cos A = कर्ण / आधार
  • Cotangent (cot A): 1 / tan A = आधार / लम्ब

इन अनुपातों को याद रखने के लिए एक लोकप्रिय तरीका है: "लाल / कका" (LAL / KAKA), जहाँ L = लम्ब, A = आधार, और K = कर्ण है।


2. कुछ विशिष्ट कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात

इस भाग में मानक कोणों: 0°, 30°, 45°, 60° और 90° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपातों के मानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये मान सवालों को हल करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

कोण (A) 30° 45° 60° 90°
sin A 0 1/2 1/√2 √3/2 1
cos A 1 √3/2 1/√2 1/2 0
tan A 0 1/√3 1 √3 अपरिभाषित

3. पूरक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात

पूरक कोण (Complementary angles) वे दो कोण होते हैं जिनका योग 90° होता है। इस भाग में इन कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच संबंध बताया गया है।

  • sin(90° - A) = cos A
  • cos(90° - A) = sin A
  • tan(90° - A) = cot A

4. त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ (Trigonometric Identities)

त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ वे समीकरण हैं जो संबंधित कोणों के सभी मानों के लिए सत्य होती हैं। इनका उपयोग त्रिकोणमितीय व्यंजकों को सरल बनाने या सिद्ध करने के लिए किया जाता है। कक्षा 10 के लिए तीन मूल सर्वसमिकाएँ हैं:

  1. sin2 A + cos2 A = 1
  2. 1 + tan2 A = sec2 A
  3. 1 + cot2 A = csc2 A

ये सर्वसमिकाएँ पाइथागोरस प्रमेय से निकली हैं और सिद्ध करने वाले प्रश्नों को हल करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

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