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व्हीटस्टोन सेतु क्या है? | संरचना, चित्र, सिद्धांत और उपयोग | Wheatstone Bridge in Hindi

व्हीटस्टोन सेतु क्या है? | Wheatstone Bridge in Hindi

व्हीटस्टोन सेतु एक विद्युत परिपथ है जिसे इंग्लैंड के वैज्ञानिक सी. एफ. व्हीटस्टोन ने विकसित किया था। इसका उपयोग अज्ञात प्रतिरोध (Unknown Resistance) को ज्ञात करने में किया जाता है।

📘 व्हीटस्टोन सेतु की परिभाषा

“जब चार प्रतिरोधों को एक विशेष परिपथ में जोड़ा जाता है और दो बिंदुओं के मध्य विभवांतर शून्य हो जाता है, तो उस परिपथ को व्हीटस्टोन सेतु कहते हैं।”

📐 संरचना और परिपथ चित्र

इसमें चार प्रतिरोध होते हैं: P, Q, R और S

  • P और Q – एक श्रृंखला में
  • R और S – दूसरी श्रृंखला में
  • दोनों श्रृंखलाएं एक-दूसरे के साथ समांतर जुड़ी होती हैं
  • बीच के बिंदुओं b और d को गैल्वानोमीटर से जोड़ा जाता है
  • a और c बिंदुओं के मध्य बैटरी जुड़ी होती है



📖 सिद्धांत (Principle)

जब b और d बिंदुओं पर विभव समान हो जाता है (Vb = Vd), तो धारामापी में कोई धारा नहीं जाती। यही स्थिति सेतु की संतुलन स्थिति कहलाती है।

इस स्थिति में:

I₁ × P = I₂ × R I₁ × Q = I₂ × S ⇒ R/P = S/Q

यदि S अज्ञात है, तो:

S = QR/P

🔍 उपयोग (Applications)

  • अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने में
  • प्रतिरोध तुल्यांकन (Resistance Calibration)
  • सटीक मापन हेतु प्रयोगशाला प्रयोगों में

🧾 संतुलन की तीन स्थितियाँ

  1. Vb > Vd: धारामापी में धारा b → d की ओर
  2. Vb < Vd: धारा d → b की ओर
  3. Vb = Vd: गैल्वानोमीटर में कोई धारा नहीं, संतुलन स्थिति

🧪 उदाहरण:

मान लीजिए:
P = 10 Ω, Q = 20 Ω, R = 15 Ω तो अज्ञात S = QR/P = (20×15)/10 = 30 Ω


❓FAQs: व्हीटस्टोन सेतु

Q1. व्हीटस्टोन ब्रिज का मुख्य उपयोग क्या है?

उत्तर: किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए।

Q2. संतुलन की स्थिति क्या होती है?

उत्तर: जब धारामापी में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती और Vb = Vd होता है।

Q3. व्हीटस्टोन सेतु का सिद्धांत किस पर आधारित है?

उत्तर: विभवांतर के तुल्यांकन और धाराओं के विभाजन पर।

Q4. इसका व्यावहारिक अनुप्रयोग कहाँ होता है?

उत्तर: प्रयोगशाला में अज्ञात प्रतिरोध मापन और सटीकता परीक्षण में।


📌 निष्कर्ष: व्हीटस्टोन सेतु एक महत्वपूर्ण विद्युत युक्ति है जिसका प्रयोग विद्युत परिपथ में अज्ञात प्रतिरोध को ज्ञात करने हेतु किया जाता है। यह सरल व प्रभावशाली तकनीक प्रयोगशाला और उद्योग दोनों में समान रूप से उपयोगी है।

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