परासरण दाब, अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली, तथा वाण्ट हॉफ गुणक की परिभाषा
1. परासरण (Osmosis):
जब दो भिन्न सान्द्रता के विलयनों को अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली द्वारा अलग किया जाता है, तो कम सान्द्रता वाले विलयन से विलायक अधिक सान्द्रता वाले विलयन की ओर प्रवाहित होता है। यही प्रक्रिया परासरण कहलाती है।
2. अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली (Semipermeable Membrane):
ऐसी झिल्ली जो केवल विलायक को आर-पार जाने देती है लेकिन विलेय को नहीं, अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली कहलाती है।
3. परासरण दाब (Osmotic Pressure):
विलयन में परासरण को रोकने के लिए लगाया गया न्यूनतम दाब परासरण दाब कहलाता है।
- (i) यह विलयन के वाष्प दाब को बढ़ाने के लिए आवश्यक होता है।
- (ii) यह दाब शुद्ध विलायक के वाष्प दाब को कम करने में प्रयुक्त होता है।
- (iii) यह द्रव स्थैतिक दाब के बराबर होता है।
4. परासरण दाब की विधियाँ:
- फेफर की विधि
- दे-ब्रीस की विधि
- मोर्स एवं फ्रेजर की विधि
- जीवद्रव्य-कुंचन विधि
- सरन्ध्र डिस्क विधि
- बर्कले और हार्टले की विधि (सर्वश्रेष्ठ)
5. वाण्ट हॉफ नियम:
- बॉयल-वाण्ट हॉफ नियम: π ∝ C
- चार्ल्स-वाण्ट हॉफ नियम: π ∝ T
- सामान्य समीकरण: πV = nRT
6. सीमाएँ:
- वाष्पशील पदार्थों पर यह नियम लागू नहीं होता।
- विद्युत अपघट्य एवं संगुणित पदार्थों के लिए अनुपयुक्त।
7. परासरण से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दावली:
- समपरासरी विलयन: जिनका परासरण दाब समान हो।
- अतिपरासरी व अद्यः परासरी: अधिक या कम परासरण दाब वाले विलयन।
- व्युत्क्रम परासरण: शुद्ध जल निकालने की प्रक्रिया।
- परासरणता: परासरण व्यवहार को दर्शाता शब्द।
- समदाबी विलयन: जिनका वाष्प दाब समान हो।
8. वाण्ट हॉफ गुणक (van't Hoff Factor):
यह विलेय के अणुसंख्य गुणधर्म के प्रेक्षित एवं आपेक्षित मानों का अनुपात है।
सूत्र: i = प्रेक्षित मान / सामान्य मान
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