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गलनांक क्या होता है? | गलन या पिघलना की परिभाषा, उदाहरण और प्रक्रिया (Melting Point in Hindi

गलनांक क्या है? | गलन या पिघलना की परिभाषा, प्रक्रिया और उदाहरण

गलनांक (Melting Point) उस निर्धारित तापमानठोस पदार्थ द्रव में परिवर्तित

जब किसी ठोस पदार्थ को ताप दिया जाता है, तो एक समय ऐसा आता है जब वह ठोस अपनी अवस्था बदलकर द्रव अवस्था में प्रवेश करता है। इस अवस्था परिवर्तन की प्रक्रिया को ही गलन या पिघलना

📌 उदाहरण:

यदि आप एक कप में बर्फद्रव (पानी) में बदल जाती है। इसी निश्चित ताप को गलनांक

📌 वैज्ञानिक कारण:

ठोस अवस्था में अणु/कण बहुत करीबी से बंधे रहते हैं। जैसे ही तापमान बढ़ता है, अणुओं की गतिज ऊर्जा भी बढ़ने लगती है जिससे वे एक-दूसरे से दूर जाकर द्रव अवस्था

🧊 गलन या पिघलने की प्रक्रिया:

  • जब किसी ठोस को गर्म किया जाता है, तो उसका ताप बढ़ता है।
  • एक विशेष तापमान पर पहुँचने पर वह पिघलना शुरू कर देता है।
  • इस निश्चित ताप को ही गलनांक
  • पिघलने के दौरान पदार्थ में बहने का गुण आ जाता है।

🔬 शुद्ध और अशुद्ध पदार्थ में अंतर:

  • शुद्ध पदार्थ: इसका गलनांक निर्धारित ताप
  • अशुद्ध पदार्थ: इसका गलनांक निश्चित नहीं होता बल्कि

🧪 कुछ सामान्य पदार्थों के गलनांक:

पदार्थ गलनांक (°C)
बर्फ (Ice) 0°C
लोहा (Iron) 1538°C
तांबा (Copper) 1085°C
सीसा (Lead) 327°C

📚 निष्कर्ष:

गलनांक वह तापमान है जिस पर कोई ठोस पदार्थ द्रव में बदलने लगता है। यह पदार्थ की शुद्धता पर भी निर्भर करता है। गलन या पिघलना, ताप द्वारा अवस्था परिवर्तन की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो विज्ञान के अनेक क्षेत्रों में उपयोगी है।

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