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समावयवता की परिभाषा, प्रकार व उदाहरण | Isomerism in Hindi

समावयवता की परिभाषा, प्रकार व वर्गीकरण | Samavayavta in Hindi

समावयवता की परिभाषा, प्रकार व वर्गीकरण

समावयवता: वे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान होते हैं परंतु उनमें उपस्थित समूहों की व्यवस्था भिन्न-भिन्न होती है, जिससे उनके गुण भी भिन्न-भिन्न होते हैं। ऐसे यौगिक एक-दूसरे के समावयवी कहलाते हैं और इस गुण को समावयवता कहते हैं।

समावयवता का वर्गीकरण

1. संरचना समावयवता (Structural Isomerism):

जब यौगिकों की संरचना में भिन्नता हो, तब संरचना समावयवता पाई जाती है। इसके प्रकार:

(1) आयनन समावयवता:

समान अणुसूत्र वाले यौगिक जो जल में अलग-अलग आयन देते हैं।

  • [CO(NH₃)₅Cl]SO₄ ⇆ [CO(NH₃)₅Cl]²⁺ + SO₄²⁻
  • [CO(NH₃)₅SO₄]Cl ⇆ [CO(NH₃)₅SO₄]⁺ + Cl⁻

BaCl₂ मिलाने पर पहला यौगिक BaSO₄ का अवक्षेप देता है जबकि दूसरा AgNO₃ के साथ AgCl देता है।

(2) बंधनी समावयवता:

जहां उभयदंती लिगैंड के दाता परमाणु अलग होते हैं।

  • [CO(NH₃)₅(NO₂)]Cl₂
  • [CO(NH₃)₅(ONO)]Cl₂

(3) उपसहसंयोजन समावयवता:

धनायन व ऋणायन दोनों ही संकुल हों और लिगैंड का आदान-प्रदान हो।

  • [CO(NH₃)₆][Cr(CN)₆]
  • [Cr(NH₃)₆][CO(CN)₆]

(4) हाइड्रेट समावयवता:

एक समावयवी में जल लिगैंड के रूप में होता है और दूसरे में क्रिस्टलीन जल के रूप में।

2. त्रिविम समावयवता (Stereoisomerism):

जब यौगिकों में परमाणुओं की आकाशीय व्यवस्था अलग हो। इसके दो प्रकार हैं:

(1) ज्यामिति समावयवता (Geometrical Isomerism):

सतलीय वर्गाकार संरचना वाले संकुल यौगिकों में।

  • [Pt(NH₃)₂Cl₂] — cis और trans रूप

(2) प्रकाशिक समावयवता (Optical Isomerism):

समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को घुमाने वाले यौगिक।

  • d (+) = दक्षिण ध्रुवण घूर्णक
  • l (–) = वाम ध्रुवण घूर्णक

📌 Note: समावयवता रसायन विज्ञान में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यौगिकों के गुणों और उनकी पहचान में भिन्नता उत्पन्न होती है।

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