विद्युत धारा क्या है? | परिभाषा, मात्रक, दिशा, सूत्र एवं महत्वपूर्ण तथ्य
परिभाषा:
जिस प्रकार जल उच्च तल से निम्न तल की ओर गति करता है, ठीक उसी प्रकार आवेश भी उच्च विद्युत तल (उच्च विभव) से निम्न विद्युत तल (निम्न विभव) की ओर गति करता है। आवेश के इस प्रवाह को ही विद्युत धारा कहते हैं।
किसी अनुप्रस्थ काट से प्रति एकांक समय में प्रवाहित होने वाले आवेश के मान को विद्युत धारा कहा जाता है।
विद्युत धारा (I) = Q / t
धारा की दिशा:
- धनावेश उच्च विभव से निम्न विभव की ओर प्रवाहित होता है। अतः धारा की दिशा भी वही होती है।
- ऋण आवेश (जैसे इलेक्ट्रॉन) निम्न विभव से उच्च विभव की ओर चलता है, अतः उसकी दिशा धारा की दिशा के विपरीत होती है।
धारा एक अदिश राशि क्यों है?
धारा = Q/t, जहाँ Q और t दोनों अदिश हैं, अतः विद्युत धारा भी एक अदिश राशि होती है।
विद्युत धारा का मात्रक एवं विमा:
- मात्रक: कुलाम/सेकंड (C/s) = ऐम्पियर (A)
- विमा: A1
1 ऐम्पियर की परिभाषा:
यदि किसी चालक के अनुप्रस्थ काट से 1 सेकंड में 1 कुलाम आवेश प्रवाहित होता है, तो उस चालक में प्रवाहित धारा 1 ऐम्पियर कही जाती है।
1 कूलाम में इलेक्ट्रॉनों की संख्या:
n = q/e = 1 / (1.6 × 10-19) = 6.25 × 1018 इलेक्ट्रॉन
महत्वपूर्ण सूत्र:
- i = Q / t
- यदि t सेकंड में n इलेक्ट्रॉन बहते हैं, तो i = ne / t
- यदि हर आयन में आवेश 2e हो, तो i = n × 2e / t
विद्युत धारा की विशेषताएं:
- धारा का प्रवाह उच्च विभव से निम्न विभव की ओर होता है।
- परंपरागत धारा की दिशा धन आवेश के प्रवाह के समान होती है।
- धारा अदिश राशि है क्योंकि यह वेक्टर योग के नियम का पालन नहीं करती।
- तड़ित धारा (आकाशीय बिजली) हजारों एम्पियर की हो सकती है।
- मानव शरीर में बहने वाली धारा माइक्रो एम्पियर की होती है।
निष्कर्ष:
विद्युत धारा एक मूल भौतिक राशि है जिसका मापन ऐम्पियर में किया जाता है। यह एक अदिश राशि है जो आवेश के प्रवाह को समय के सापेक्ष दर्शाती है। विद्युत धारा की दिशा धनावेश की दिशा के समान होती है जबकि ऋण आवेश के लिए यह विपरीत होती है।
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