चालक (Conductors) क्या होते हैं?
परिभाषा:
वे ठोस पदार्थ जिनमें विद्युत धारा का प्रवाह होता है, चालक कहलाते हैं। इन ठोसों की विद्युत चालकता बहुत अधिक होती है।
चालकों के प्रकार
चालक मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
1. धात्विक चालक (Metallic Conductors)
इनमें विद्युत धारा का संचालन मुक्त इलेक्ट्रॉनों के द्वारा होता है, इसलिए इन्हें इलेक्ट्रॉनिक चालक भी कहते हैं। ये उत्तम चालक होते हैं। ताप बढ़ाने पर इनकी चालकता में कमी आती है क्योंकि इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था बाधित होती है।
उदाहरण: Al, Cu, Ag, Au आदि।
2. विद्युत-अपघटनी चालक (Electrolytic Conductors)
ठोस अवस्था में ये विद्युत का चालन नहीं करते, परंतु गलित अवस्था या जलीय विलयन में इनमें मुक्त आयन उपस्थित होते हैं, जिससे ये विद्युत का चालन करते हैं।
इनमें विद्युत धारा का प्रवाह आयनों की गतिशीलता के कारण होता है, और ताप बढ़ाने पर इनकी चालकता बढ़ती है।
उदाहरण: NaCl, KCl आदि।
चालकों की वैज्ञानिक व्याख्या
चालकों में संयोजकता वैण्ड एवं चालकता वैण्ड के मध्य कोई प्रतिबंध नहीं होता। इनमें अतिव्यापन होने के कारण, इलेक्ट्रॉन हल्की उत्तेजना से ही संयोजकता वैण्ड से चालकता वैण्ड में चले जाते हैं। यही कारण है कि चालकों की विद्युत चालकता बहुत अधिक होती है।
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