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क्रांतिक कोण, पूर्ण आन्तरिक परावर्तन: परिभाषा, शर्तें और उदाहरण | विज्ञान कक्षा 10

क्रांतिक कोण, पूर्ण आन्तरिक परावर्तन, शर्तें, उदाहरण

प्रश्न 1: क्रांतिक कोण की परिभाषा दीजिए, अपवर्तनांक और क्रांतिक कोण में सम्बन्ध ज्ञात कीजिए तथा पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की परिभाषा देकर इसकी शर्तें लिखिए।

क्रांतिक कोण (Critical Angle):

सघन माध्यम में आपतन कोण का वह मान, जिसके लिए विरल माध्यम में आपवर्तन कोण 90° होता है, क्रांतिक कोण कहलाता है।

  • काँच और हवा के लिए क्रांतिक कोण ≈ 42°
  • हीरे और हवा के लिए क्रांतिक कोण ≈ 24.2°
  • इस घटना में 100% ऊर्जा परावर्तित होती है।

पूर्ण आन्तरिक परावर्तन (Total Internal Reflection):



जब आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होता है और प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम की ओर जाता है, तो वह उसी माध्यम में लौट आता है। इसे पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते हैं।

पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की शर्तें:

  1. प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम की ओर जा रहा हो।
  2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो।

प्रश्न 2: पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के उदाहरण

1. हीरे की चमक (Diamond):

हीरे और हवा के बीच क्रांतिक कोण कम (24.2°) होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो उसकी सतहों से बार-बार पूर्ण आन्तरिक परावर्तन होता है जिससे वह अत्यधिक चमकता है।

2. प्रिज्म में प्रकाश को 90° और 180° मोड़ना:

विशेष आकार के प्रिज्म में प्रकाश जब 45° के कोण पर आपतित होता है, तो वह पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के कारण दिशा बदल लेता है। इससे प्रकाश किरण को 90° या 180° मोड़ा जा सकता है।

3. प्रकाशीय तंतु (Optical Fiber):

यह एक विशेष काँच से बना होता है जिसमें कोर और क्लैडिंग होती है। जब प्रकाश कोर में प्रवेश करता है और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होता है, तो वह बार-बार परावर्तित होकर बिना ऊर्जा हानि के दूसरे सिरे तक पहुँचता है।

निष्कर्ष:

क्रांतिक कोण और पूर्ण आन्तरिक परावर्तन विज्ञान के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे - हीरे की चमक, ऑप्टिकल फाइबर, और प्रिज्मीय यंत्र

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