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प्रिज्म, अल्पतम विचलन कोण

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 प्रिज्म :-

प्रिज्म किसी सामान पारदर्शी माध्यम की उस आकृति को कहते हैं जो किसी कोण पर झुके हुए दो समतल पृष्ठों से घिरा हुआ होता है।



प्रिज्म से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाएं :-


अपवर्तक पृष्ठ :-

जिन समतल पृष्ठों से प्रकाश का अपवर्तन होता है अपवर्तक पृष्ठ कहलाते हैं ।


प्रिज्म कोण :-

अपवर्तक पृष्ठों के बीच बने कोण को प्रिज्म कोण या अपवर्तक कोण कहते हैं । आदर्श प्रिज्म कोण का 60° होता है ।


अपवर्तक कोर :-

दोनों अपवर्तक पृष्ठों के मिलने से बनी कोर को अपवर्तक कोर कहते हैं ।


मुख्य परिच्छेद :-


अपवर्तक पृष्ठों के अभिलंबत किसी ताल द्वारा काटे गए परिच्छेद को प्रिज्म का मुख्य परिच्छेद कहते हैं ।


प्रिज्म का आधार :- 


अपवर्तक कोर के सामने वाले पृष्ठ को प्रिज्म का आधार कहते हैं ।


प्रिज्म द्वारा अपवर्तन:-



 माना ABC कांच के एक प्रिज्म का मुख्य परिच्छेद है इसके अपवर्तन पृष्ठ AB तथा AC है तथा अपवर्तक पृष्ठ के बीच बना प्रिज्म कोण A है।


माना प्रकाश की किरण PQ प्रिज्म के अपवर्तक पृष्ठ AB पर आधारित होती है। तथा अपवर्तित होकर QR दिशा में चली जाती है तथा अपवर्तक पृष्ठ AC द्वारा पुनः अपवर्तित होकर RS दिशा में बाहर निकल जाती है। 


आपतित किरण को आगे बढ़ाने तथा निर्गत किरण को पीछे बढ़ाने पर वे बिंदु पर मिलते हैं। इन दोनों किरणो के बीच बना कोण विचलन कोण कहलाता है। 



अल्पतम विचलन कोण:-

एक विशेष आपतन कोण के लिए विचलन कोण न्यूनतम होता है जिसे अल्पतम विचलन कोण कहते हैं। इस δm से प्रदर्शित करते हैं 

किसी प्रिज्म के अपवर्तनांक n , प्रिज्म कोण A तथा अल्पतम विचलन कोण δm में निम्नलिखित संबंध होता है। 


n = sin ( A + δm /2) ÷ sin A/2


n = अपवर्तनांक 

A = प्रिज्म कोण 

δm = अल्पतम विचलन कोण

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