अलंकार
अलंकार का अर्थ
अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना है— अलं + कार। अलं का अर्थ 'भूषण या सजावट' तथा कार का अर्थ 'करने वाला' होता है अर्थात् जो अलंकृत या भूषित करें वह अलंकार है। अलंकार का शाब्दिक अर्थ है— आभूषण। जिस प्रकार आभूषण शरीर की शोभा बढ़ाते हैं, वैसे ही अलंकार के प्रयोग से काव्य में चमत्कार, सौंदर्य और आकर्षण उत्पन्न हो जाता है।
अलंकार की परिभाषा एवं निम्नलिखित हैं:-
सुमित्रानंदन पंत के अनुसार, “अलंकार केवल वाणी की सजावट के लिए नहीं, वे भाव की अभिव्यक्त के विशेष द्वार हैं।”
आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार, “भावों क उत्कर्ष दिखाने और वस्तु के रूप, गुण क्रिया का अधिक तीव्रता से अनुभव कराने में सहायक होने वाली उक्ति अलंकार है।”
अलंकार के भेद :-
अलंकार के मुख्यत: तीन भेद होते हैं
1. शब्दालंकार
2. अर्थालंकार
3. उभयालंकार
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