Class 12th Sanskrit chapter 5 जातक-कथा श्लोकों का सन्दर्भ-सहित हिन्दी अनुवाद एवं प्रश्नोंत्तर:–
श्लोक 1
न में रोचते भद्रं वः उलूकस्याभिषेचनम् ।
अक्रुद्धस्य मुखं पश्य कथं क्रुद्धो, भविष्यति।। (2012)
सन्दर्भ :-
प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ के ‘जातक-कथा नामक पाठ के ‘उलूकजातकम् खण्ड से उद्धृत है।
हिन्दी में अनुवाद:-
तुम लोगों का इस उल्लू को राजा बनाना मुझे ठीक नहीं लगता। इस समय के क्रोध हीन मुख को ही देखो, क्रुद्ध होने पर यह कैसा (विकृत) हो जायेगा?
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1.
चतुष्पदाः कं राजानम् अकुर्वन्? (2018, 14, 13, 10)
उत्तर:
चतुष्पदाः एके सिंहं राजानम् अकुर्वन्।
प्रश्न 2.
शकुनिगणाः सन्निपत्य किम् व्यचारयन्? (2012)
उत्तर:
शकुनिगणाः सन्निपत्य व्यचारयन्–‘मनुष्येषु राजा , प्रज्ञायते . तथा चतुष्पदेषु च। अस्माकं पुनरन्तरे राजा नास्ति। अराजको चासो नाम न वर्तते। एको राज स्थाने स्थापयितव्यः।’
प्रश्न 3.
अन्ते शकुनिगणाः कं राजानम् अकुर्वन्? (2015)
उत्तर:
अन्ते शकुनिगणा: सुवर्णहंसं राजानम् अकुर्वन्।
प्रश्न 4.
हंसपोतिका कस्य दुहिता आसीत्? (2013)
उत्तर:
हंसपोतिका सुवर्णराजहंसस्य दुहिता आसीत्।
प्रश्न 5.
राजहंसः परिषन्मध्ये कस्मै दुहितरम् अददात? (2011)
उत्तर:
राजहंसः परिषन्मध्ये आत्मनः भागिनेयाय हंसपोतकाय दुहितरम् अददात्।
प्रश्न 6.
हंसराजः स्व दुहितरं कस्मै अददातु? (2011)
उत्तर:
हंसराजः स्व दुहितरं राजहंसाय अददात्।
प्रश्न 7.
अतीते प्रथम कल्पे चतुष्पदाः कं राजानम् कुर्वन्? (2014, 13)
उत्तर:
अतीते प्रथम कल्पे चतुष्पदाः एके सिंह, राजानम् कुर्वन्।
प्रश्न 8.
हंस पोतिका पति रूपेण कस्य वरणम् अकरोत्? (2018)
उत्तर:
हंस पोतिका पति रूपेण मयूरस्य वरणम् अकरोत्।
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