हैबर विधि द्वारा अमोनिया का निर्माण :–
हैबर विधि में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन से अमोनिया का संश्लेषण निम्न उत्क्रमणीय अभिक्रिया पर आधारित है।
यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है तथा अभिक्रिया के आयतन में कमी होती है, कम ताप पर यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है अत: अभिक्रिया की दर बढ़ाने के लिए उचित उत्प्रेरक fe/mo(200Atom and 500°c) का प्रयोग करना आवश्यक है।
हैबर विधि द्वारा अमोनिया का औद्योगिक उत्पादन करने में प्रयुक्त संयंत्र चित्र में प्रदर्शित है :–
नाइट्रोजन(N२ )और हाइड्रोजन (H२)के(1:3) मिश्रण को 200 Atmosphere शोधक कक्ष में प्रवाहित किया जाता है इस कक्ष के मिश्रण में उपस्थित अशुद्धियां( Co,Co२,So२, etc) दूर हो जाती हैं इन अशुद्धियों को दूर करना आवश्यक होता है ,क्योंकि यह उत्प्रेरक की सक्रियता को कम कर देती हैं शोधित अमोनिया(NH३) को उत्प्रेरक कक्ष में प्रवाहित करते हैं जिसमें 500 डिग्री सेंटीग्रेड ताप पर आयरन(fe) और mo का मिश्रण रखा होगा । इस कक्ष में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन परस्पर क्रिया करके अमोनिया(NH३) बनाती हैं उत्प्रेरक कक्ष में निकलने वाली गैसीय मिश्रण में 10 परसेंट अमोनिया(NH३) और शेष nitrogen( N२) और हाइड्रोजन (H२)होता है इसे पुनः परिसंचरण पंप द्वारा उत्प्रेरक कक्ष में भेज देते हैं। यह प्रक्रम चलता रहता है और द्रव अमोनिया बनती रहती है।
NH३ के गुण:–
भौतिक गुण:–
1. अमोनिया रंगहीन एक विशेष प्रकार की तीक्ष्ण गंध है ।
2.अमोनिया का जलीय विलियन क्षारीय होता है।
3.अमोनिया गैस जल में पूर्ण विलय है ।
4.अमोनिया अज्वालनसील गैस है तथा वायु से हल्की होती है ।
रसायनिक गुण:–
1. धात ऑक्साइडो से अभिक्रिया :–
कॉपर ऑक्साइड (cuo) उच्चतम ताप पर अमोनिया से अभिक्रिया करके नाइट्रोजन देता है ।
2. क्लोरीन के साथ अभिक्रिया:–
अमोनिया cl२ के साथ अभिक्रिया करके नाइट्रोजन देती है।
3. धातु लवण के साथ अभिक्रिया:–
1.सिल्वर क्लोराइड को अमोनिया के जलीय विलयन (NH4 oH)से अभिक्रिया कराने पर डाई एमीन सिल्वर क्लोराइड[Ag(NH३)२]cl बनता है।
2.कॉपर सल्फेट (cu So4)में अमोनियम हाइड्रोक्साइड (NH4 oH)या अमोनिया के जलीय विलियन डालने पर टेट्रा एमीन कॉपर सल्फेट[cu(NH३)4]So4 बनता है।
4.कार्बन डाइऑक्साइड से अभिक्रिया द्वारा यूरिया(NH२CoNH२) का निर्माण:–
कार्बन डाइऑक्साइड की अमोनिया से अभिक्रिया कराने पर अमोनियम कार्बोनेट बनता है ,जो पुनः उच्च ताप पर गर्म करने पर यूरिया देता है ,जो एक महत्वपूर्ण नाइट्रोजन युक्त उर्वरक है।
अमोनिया के उपयोग:–
1.नाइट्रिक अम्ल के निर्माण में ।
2.यूरिया अमोनियम सल्फेट नाइट्रोजन युक्त उर्वरक के निर्माण में।
3.अमोनिया लवण बनाने में।
4.धातुओं के अमोनिया समतुल्य बनाने में
अमोनिया के परीक्षण :–
अमोनिया का जलीय विलयन लाल लिटमस पेपर को नीला कर देता है।
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नाइट्रिक अम्ल बनाने की प्रयोगशाला विधि या ओस्टवाल्ड विधि
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1 Comments
Thanks bhai
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