भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक:—
प्रश्न .1) कृषि एवं सहायक क्षेत्रक किस क्षेत्रक को कहा जाता है?
उत्तर:— प्राथमिक क्षेत्र।प्रश्न.2) औद्योगिक क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:— द्वितीयक क्षेत्र को।प्रश्न.3) सेवा क्षेत्रक किस क्षेत्र को कहा जाता है?
उत्तर:— तृतीयक क्षेत्र।प्रश्न.4) अंतिम वस्तुएं क्या होती हैं?
उत्तर:– यह वस्तुएं उपभोक्ताओं द्वारा सीधे प्रयोग में लाई जाती हैं यह अंतिम वस्तुएं होती हैं।प्रश्न.5) सकल घरेलू उत्पाद किसे कहते हैं?
उत्तर:– किसी विशेष वर्ष में इन तीनों क्षेत्रों में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य की राशि को देश का सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।प्रश्न.7) नरेगा को प्रधानमंत्री द्वारा कब शुरू किया गया है?
उत्तर:– 2 फरवरी,2006 में।प्रश्न .8) द्वितीयक क्षेत्र को और किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:– औद्योगिक क्षेत्र।आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्र
आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्र में धन कमाने के उद्देश्य से की जाने वाली आर्थिक गतिविधियां कहा जाता है आर्थिक गतिविधियों को तीन अलग-अलग तरीको से वर्गीकृत किया जा सकता है।
1) प्राथमिक ,द्वितीयक ,और तृतीयक क्षेत्र
2) संगठित और असंगठित क्षेत्र
3) सार्वजनिक और निजी क्षेत्र
भारत में प्राथमिक ,द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र:–
प्रथमिक क्षेत्र:–
जब आर्थिक क्रियाओं से मुख्य रूप से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से उत्पादन किया जाता है तो उसे प्राथमिक क्षेत्र कहते हैं।जैसे:— कपास, गन्ना, दूध आदि।
द्वितीयक क्षेत्र :—
जब प्राकृतिक उत्पादों के विनिर्माण प्रणाली के द्वारा अन्य रूपों में बदला जाता है द्वितीयक क्षेत्र कहलाते हैं ।जैसे:— कपास से रेशम, गन्ने से चीनी ।तृतीयक क्षेत्र :—
जब आर्थिक क्रियाओं द्वारा सेवाएं प्रदान की जाती हैं तृतीयक क्षेत्र कहलाती है।क्षेत्रो में ऐतिहासिक परिवर्तन:—
विकास की प्रारंभिक अवस्था में प्राथमिक क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है परंतु धीरे-धीरे द्वितीयक या तृतीयक क्षेत्र की भूमिका बढ़ रही है वर्ष 1973 से 2003 के बीच इन तीनों क्षेत्रों के उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई है लेकिन अधिकांश वृद्धि तृतीयक क्षेत्र में हुई है।
विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के रोजगार:—
1. देश के सकल घरेलू उत्पाद में प्राथमिक क्षेत्र का हिस्सा सिर्फ 20% है लेकिन आजादी के 65 वर्षों के बाद यह अब भी 50% से अधिक लोगों को रोजगार देता है।
2. औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार 3 गुना तथा सेवाओं में 5 गुना बढ़ा है।
3. माध्यमिक और तृतीयक क्षेत्रों में पर्याप्त रोजगार उत्पन्न नहीं किए हैं ताकि पर्याप्त संख्या में लोगों को कृषि से इन क्षेत्रों में स्थानांतरित कर सकें।
अधिक रोजगार विकसित करने के विभिन्न माध्यम:—
तकनीकी और संस्थागत उपाय:—
1.) तकनीकी सुविधाएं जैसे ;– सिंचाई ,संकर बीज की उपलब्धता ,किसी की आधुनिक तकनीक के बारे में जागरूकता है कृषि में मानव बल के जागरूकता को बढ़ाती है2.) बाजार, परिवहन, भंडारण की सुविधा जैसे;– संस्थागत समर्थन से उपसहरी क्षेत्र अन्य क्षेत्रों में किसानों के रोजगार में वृद्धि करेगा।
संघटित और असंघटित क्षेत्र
संघटित क्षेत्र:—
वे उधम या कार्य स्थान जहां रोजगार की अवधि नियमित व सुनिश्चित होती है संघटित क्षेत्र कहलाती है इस क्षेत्र में औपचारिक प्रक्रियाए होती हैं संघटित क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार की सुरक्षा के लाभ मिलते हैं उन्हें चिकित्साला मिल रहा है और प्रबंधन को स्वच्छ पेयजल एवं एक सुरक्षित कामकाजी वातावरण जैसे सुविधाएं सुनिश्चित करती है।असंघटित क्षेत्र :–
असंघटित क्षेत्र उधम सरकार के साथ पंजीकृत नहीं है छोटी-छोटी और बिखरी इकाइयां, जो सरकारी से बाहर होती हैं असंघटित क्षेत्र कहलाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में असंघटित क्षेत्र में भूमि रहित कृषि मजदूर छोटे एवं सीमांत किसान और कारीगर शामिल हैं।स्वामित्व के आधार पर क्षेत्रक:—
स्वामित्व के आधार पर अर्थव्यवस्था के दो क्षेत्र हैं:—
1) सार्वजनिक क्षेत्र2) निजी क्षेत्र
1.) सार्वजनिक क्षेत्र:—
सार्वजनिक क्षेत्र में सरकार की अधिकांश संपत्तियां हैं और सभी सेवाएं प्रदान करती हैं इसलिए इसे राज्य क्षेत्र या सरकारी क्षेत्र भी कहा जाता है।जैसे:— भारतीय रेलवे।
2.) निजी क्षेत्र:—
निजी क्षेत्र में व्यक्तियों या निजी कंपनियों के हाथों में संपत्ति और सेवाओं के हस्तारण का स्वामित्व होता हैभारत में खनन, बिजली, उत्पादन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा आदि ने सार्वजनिक क्षेत्र प्रमुख है ।
जबकि निजी क्षेत्र में कृषि व्यापार ,होटल ,और माल के निर्माण में प्रमुखता दर्शाते हैं।
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