B.Sc. के बाद BTC या B.Ed. कौन सा करें? पूरी जानक़ारी
आजकल B.Sc. के बाद छात्र अक्सर यह सोचते हैं कि उन्हें BTC करना चाहिए या B.Ed.। दोनों ही कोर्स टीचिंग फील्ड के लिए महत्वपूर्ण हैं लेकिन इनकी आवश्यकता और करियर ऑप्शन अलग-अलग होते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं।
BTC (Basic Training Certificate) क्या है?
BTC एक शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स है जिसे अब D.El.Ed. (Diploma in Elementary Education) कहा जाता है। यह कोर्स खासकर प्राइमरी और जूनियर लेवल (Class 1 से 8 तक) में शिक्षक बनने के लिए किया जाता है।
BTC (D.El.Ed.) की मुख्य बातें
- अवधि: 2 वर्ष
- योग्यता: 50% अंकों के साथ ग्रेजुएशन (कुछ राज्यों में B.Sc./B.A./B.Com. होना जरूरी)
- करियर विकल्प: प्राइमरी/जूनियर शिक्षक
- नौकरी अवसर: सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में
B.Ed. (Bachelor of Education) क्या है?
B.Ed. एक प्रोफेशनल डिग्री है जो सीनियर सेकेंडरी लेवल (Class 6 से 12) में पढ़ाने के लिए आवश्यक है। अगर आप इंटर या हाईस्कूल के शिक्षक बनना चाहते हैं तो B.Ed. जरूरी है।
B.Ed. की मुख्य बातें
- अवधि: 2 वर्ष
- योग्यता: न्यूनतम 50% अंकों के साथ ग्रेजुएशन (B.Sc., B.A., B.Com.)
- करियर विकल्प: हाईस्कूल/इंटर कॉलेज शिक्षक
- नौकरी अवसर: सरकारी और प्राइवेट स्कूल, कोचिंग संस्थान, कॉलेज
B.Sc. के बाद BTC या B.Ed. – तुलना
पैरामीटर | BTC (D.El.Ed.) | B.Ed. |
---|---|---|
कहाँ पढ़ा सकते हैं? | प्राइमरी/जूनियर (Class 1–8) | हाईस्कूल/इंटर (Class 6–12) |
अवधि | 2 वर्ष | 2 वर्ष |
नौकरी अवसर | सरकारी प्राइमरी/जूनियर स्कूल | सरकारी हाईस्कूल/इंटर कॉलेज |
प्रतियोगी परीक्षा | UPTET, CTET, Super TET आदि | UP TGT, PGT, CTET, UGC NET आदि |
किसे चुनें?
- अगर आप प्राइमरी शिक्षक बनना चाहते हैं तो BTC (D.El.Ed.) सही विकल्प है।
- अगर आप हाईस्कूल/इंटर कॉलेज में पढ़ाना चाहते हैं तो B.Ed. बेहतर विकल्प है।
- लंबे समय के लिए करियर ग्रोथ और कॉलेज लेवल तक पढ़ाने का सपना है तो B.Ed. + NET/JRF करना फायदेमंद होगा।
निष्कर्ष
B.Sc. के बाद BTC और B.Ed. दोनों ही अच्छे करियर विकल्प हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि आप किस स्तर पर पढ़ाना चाहते हैं। यदि आपका लक्ष्य प्राइमरी स्तर है तो BTC करें और यदि हाईस्कूल/इंटर कॉलेज में पढ़ाना चाहते हैं तो B.Ed. करें।
👉 सुझाव: अगर आपके पास समय और संसाधन हैं तो B.Ed. करना ज्यादा उपयोगी साबित हो सकता है क्योंकि इसके बाद आप TGT/PGT और उच्च स्तर की नौकरियों के योग्य हो जाते हैं।
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