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विधुत आवेश, कुलाम का नियम तथा विद्युत क्षेत्र

विधुत आवेश, कुलाम का नियम तथा विद्युत क्षेत्र:–part 2

 वैद्युत बल रेखा के गुण:–

1. यह रेखाएं धनावेश से चालक ऋण आवेश पर समाप्त होती हैं।

2. कोई बिंदु पर रेखा एक दूसरे को नहीं काटती हैं।

3. यह रेखाएं लंबाई के अनुदिस सिकुड़ने का प्रयत्न करती है इसी कारण विपरीत आदेशों में आकर्षण होता है।

4. यह रेखाएं लंबाई के अनूदिस दूर हटने का प्रयत्न करते हैं जिसके कारण इसमें प्रतिकर्षण होता है।


वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता:–

                               वैद्युत क्षेत्र में किसी बिंदु पर रखे परीक्षण आवेश पर लगने वाला बल तथा परीक्षण आवेश के मान के अनुपात को उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं।

         इसे E से प्रदर्शित करते हैं। इसका मात्रक न्यूटन/कुलाम या वोल्ट/मीटर होता है।

E= F/q० , न्यूटन/कुलाम 

किसी बिन्दु अवेश के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता :–

सूत्र:–

यदि दो आवेश के बीच प्रबेधुतांक k हो तो

E=q/4πहेक्सालेन जीरो r², न्यूटन/कुलाम

तथा, यदि दोनो अवेशो के बीच निर्वात/हवा हो तब

E=q/4πहेक्सलेन जीरो r² , न्यूटन/कुलाम

जहां 1/4πहेक्सलेन जीरो,का मान 9×10⁹होता है।

तब E=9×10⁹/r² , न्यूटन/कुलाम 

यदि किसी स्थान में कई बिंदु आवेश विधमान हो तो इन अवेशो के कारण उत्पन्न कुल तीव्रता के बराबर होगी।

विधुत दिध्रव:–

                 विद्युत दिध्रुव वह निकाय है जिसमें दो बराबर परंतु विपरीत प्रकार के बिन्दु अवेश एक दूसरे से दूसरे अल्प दूरी पर स्थित होते हैं।

विद्युत दिध्रुव आघूर्ण :–

                             किसी एक अवेश तथा दोनों आवेशों के बीच की अल्प दूरी के गुणनफल को वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं इसे p से प्रदर्शित करते हैं।

P=2lq कुलाम –मीटर

वैद्युत द्विध्रुव के कारण उत्पन्न विधुत क्षेत्र की तीव्रता :–

1. वैद्युत द्विध्रुव की अक्षीय स्थिति में किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता:–

सूत्र:–

 विधुत क्षेत्र की तीव्रता E=2p/4πहेक्सलेन जीरो r³, न्यूटन/कुलाम

निर्वात/वायु हो तब:–

 9×10⁹2p/r³ न्यूटन/कुलाम

विधुत क्षेत्र की दिशा ऋण आवेश से धनावेश की ओर होती है।

वैद्युत द्विध्रुव की निरक्षिये रेखा पर स्थित विद्युत क्षेत्र की तीव्रता:–

सूत्र:–E=p/4πहेक्सालेन जीरो r³ न्यूटन/कुलाम

नोट :–

   अक्षिय विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E/निरक्षिय विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का अनुपात=2 होता है।

                       या

कह सकते हैं कि

अक्षिये विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E, निरक्षिये विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की दोगुनी होती हैं।

एक समान वाह विद्युत क्षेत्र में रखे विद्युत दिध्रुव पर लगने वाले बल युग का आघूर्ण:–



यदि किसी वैद्युत द्विध्रुव को एक समान विद्युत क्षेत्र में रख दें तो उस पर एक बल युग्म कार्य करने लगता है या बल युग्म दिध्रुव को क्षेत्र की दिशा में संरेखित करने का प्रयत्न करता है जिसे प्रत्यानयन बल कहते हैं।

माना एक वैद्युत द्विध्रुव एक समान विद्युत क्षेत्र में थीटा कोण बनाते हुए रखा गया है तथा यह q1 तथा q 2 से मिलकर बना है जिनके बीच की दूरी 2l है आवेश पर बल समान परंतु विपरीत दिशा में लगते हैं।

प्रत्यानयन बल आघूर्ण =बल ×लंबावत दूरी

                     =F2l sin थीटा

                    =2lq Esin थीटा

                 =PE sin थीटा न्यूटन –मीटर

महत्वपूर्ण बिन्दु:–

विद्युत विभव का मात्रक डेबाई भी है

1डेबाई=3.3×10–³⁶ कुलाम –मीटर

1cm=10–²मीटर

1mm=10–³m

1A⁰=10–¹⁰m

1नैनो मीटर=10–⁹ m

1centi meter²=10–⁴m

1micro meter=10–⁶m








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