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कार्य क्या है? | कार्य की परिभाषा, सूत्र, मात्रक, प्रकार | Work in Physics in Hindi

कार्य क्या है? | What is Work in Physics (Hindi)

परिभाषा: जब किसी पिण्ड पर बल आरोपित किया जाता है और उसके कारण पिण्ड में विस्थापन उत्पन्न होता है, तब बल × विस्थापन के गुणनफल को कार्य (Work) कहा जाता है।

कार्य का सूत्र:

W = F × d × cosθ

  • W = कार्य
  • F = आरोपित बल (Force)
  • d = विस्थापन (Displacement)
  • θ = बल और विस्थापन के बीच कोण

कार्य की मात्रक एवं विमा:

  • SI मात्रक: जूल (Joule)
  • CGS मात्रक: अर्ग (Erg)
  • विमा सूत्र: [M1L2T-2]

कार्य की प्रकृति:

कार्य एक अदिश राशि

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • यदि बल लगाया गया लेकिन वस्तु में विस्थापन नहीं हुआ, तो कार्य शून्य (Zero Work) होगा।
  • यदि बल और विस्थापन के बीच कोण 90° है, तब भी कार्य = 0

कार्य के प्रकार (Types of Work):

  1. धनात्मक कार्य (Positive Work):
    जब बल और विस्थापन एक ही दिशा में हो (θ < 90°)
    उदाहरण: वस्तु को ऊपर की ओर खींचना।
  2. ऋणात्मक कार्य (Negative Work):
    जब बल और विस्थापन विपरीत दिशा में हो (θ > 90°)
    उदाहरण: ब्रेक लगाकर चलती गाड़ी को रोकना।
  3. शून्य कार्य (Zero Work):
    जब विस्थापन नहीं हो या बल और विस्थापन के बीच कोण 90° हो।
    उदाहरण: भारी वस्तु को धक्का देने की कोशिश लेकिन वह नहीं हटी।

निष्कर्ष:

कार्य को हम बल और विस्थापन के गुणनफल के रूप में समझ सकते हैं। यह ऊर्जा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है जो दैनिक जीवन में हर कार्य से जुड़ा है।

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