ऊर्जा क्या है? परिभाषा, उदाहरण, प्रकार, मात्रक, इकाई | Energy in Hindi
ऊर्जा (Energy) किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता को कहा जाता है। ऊर्जा एक अदिश राशि है और इसका मात्रक जूल (Joule) होता है।
ऊर्जा की परिभाषा (Definition of Energy)
किसी वस्तु में कार्य करने की जो क्षमता होती है, उसे ही उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं।
ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, केवल इसका एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तन हो सकता है।
ऊर्जा का मात्रक और विमा
- SI मात्रक: जूल (Joule)
- CGS मात्रक: अर्ग (Erg)
- विमा सूत्र: [M1L2T-2]
ऊर्जा के प्रकार (Types of Energy)
ऊर्जा मुख्यतः दो प्रकार की होती है:- गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)
- स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)
1. गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy):
किसी वस्तु में उसकी गति के कारण जो ऊर्जा होती है, उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं।
यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान m हो और वह v वेग से चल रही हो, तो उसकी गतिज ऊर्जा:
KE = (1/2)mv2
2. स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy):
किसी वस्तु की स्थिति या अवस्था के कारण उसमें जो ऊर्जा संचित रहती है, उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
उदाहरण: बांध में एकत्र जल, खींची गई धनुष की डोरी, चाभी लगी घड़ी आदि।
स्थिति ऊर्जा का सूत्र:
PE = mgh जहाँ g = गुरुत्वीय त्वरण, h = ऊँचाई
ऊर्जा के अन्य रूप:
- रासायनिक ऊर्जा
- प्रकाशीय ऊर्जा
- ऊष्मीय ऊर्जा
- ध्वनि ऊर्जा
- विद्युत ऊर्जा
ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy)
“ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, केवल उसका रूप परिवर्तन हो सकता है।”
इस नियम के अनुसार, किसी बंद तंत्र में कुल ऊर्जा सदैव नियत रहती है।
उदाहरण:
- विद्युत ऊर्जा → हीटर → ऊष्मा ऊर्जा
- रासायनिक ऊर्जा → सेल → विद्युत ऊर्जा
- प्रकाश ऊर्जा → सौर पैनल → विद्युत ऊर्जा
ऊर्जा संरक्षण का नियम किसने दिया?
1841 में जूलियस रॉबर्ट मेयर (Julius Robert Mayer) ने सबसे पहले इस सिद्धांत को प्रतिपादित किया।
इसीलिए उन्हें ऊर्जा संरक्षण का जनक कहा जाता है।
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