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शिवमंगल सिंह सुमन (Shivmangal Singh Suman) जी का जीवन परिचय

शिवमंगल सिंह सुमन (Shivmangal Singh Suman) का जीवन परिचय

पूरा नामशिवमंगल सिंह सुमन
जन्म तिथि5 अगस्त 1915
जन्म स्थानबिसौरा, उत्तर प्रदेश, भारत
पेशाकवि, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शिवमंगल सिंह सुमन जी का जन्म 5 अगस्त 1915 को उत्तर प्रदेश के बिसौरा गांव में हुआ। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए गोरखपुर और फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय गए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय उस समय भारत के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में से एक था।

साहित्यिक जीवन और लेखन कार्य

सुमन जी का लेखन राजनीतिक और सामाजिक परिवेश से प्रेरित था। उनकी कविताओं में आम जनता की पीड़ा, संघर्ष, आशा, और स्वतंत्रता की भावना मुखर होकर सामने आती है।

उनकी प्रसिद्ध रचना "लोकायतन" आम जनमानस के संघर्ष को बड़ी संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है। उनके छंद सरल, गहरे और प्रेरणादायक होते थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य को नई दिशा दी।

रचनात्मक योगदान:

  • लोकायतन – प्रसिद्ध काव्य संग्रह
  • कविताएं, लेख, कहानियाँ और समीक्षाएं
  • भारतीय समाज और संस्कृति पर गहन लेखनी

उनकी रचनाएँ स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक न्याय, श्रमिक और किसानों के अधिकार जैसे मुद्दों को केंद्र में रखती थीं। उन्होंने जातिगत भेदभाव के विरुद्ध भी अपने लेखन के माध्यम से आवाज़ उठाई।

सामाजिक और राजनीतिक योगदान

वे न केवल कवि थे, बल्कि एक क्रियाशील स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अनेक आंदोलनों में भाग लिया और सामाजिक अन्याय के खिलाफ अपनी कलम और वाणी से संघर्ष किया।

वे श्रमिकों और किसानों की आवाज़ बने और आजीवन वंचित वर्गों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी।

साहित्यिक मंचों पर योगदान

वे विभिन्न साहित्यिक मंचों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं में सक्रिय रहे। उन्होंने हिंदी भाषा को एक सशक्त सामाजिक परिवर्तन के माध्यम के रूप में प्रस्तुत किया।

“ज्यों-ज्यों दीपक जलता जाता, अंधियारा छँटता जाता है।” – शिवमंगल सिंह सुमन

उनकी रचनाएं आज भी हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

निष्कर्ष:

शिवमंगल सिंह सुमन जी केवल कवि नहीं थे, वे युगद्रष्टा थे, जिन्होंने लेखन, विचार और कर्म तीनों माध्यमों से भारत को दिशा देने का कार्य किया। उनका साहित्य आज भी सामाजिक चेतना का वाहक है और आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बना रहेगा।

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