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भ्रूण क्या है? परिभाषा, बीज और फल का निर्माण | Seed and Embryo Development in Hindi

भ्रूण क्या है? परिभाषा, बीज और फल का निर्माण | Seed and Embryo Development in Hindi

भ्रूण की परिभाषा:

भ्रूण (Embryo) वह संरचना है जो युग्मनज (zygote) से विकसित होती है। भ्रूण, भ्रूणपोष (endosperm) से पोषण प्राप्त कर प्राक-भ्रूण के रूप में विकसित होता है और धीरे-धीरे गोलाकार भ्रूण, हृदयाकार भ्रूण और अंततः परिपक्व भ्रूण बनता है।

द्विबीजपत्री भ्रूण का विकास:

  • इन पादपों में दो बीजपत्र (Cotyledons) होते हैं।
  • बीजपत्रों के ऊपर का भाग बीजपत्रोपरिक (epicotyl) कहलाता है, जो प्राकुर में समाप्त होता है।
  • नीचे का बेलनाकार भाग बीजपत्राधार (hypocotyl) कहलाता है, जो मूलांकुर (radicle) में समाप्त होता है।
  • मूलांकुर मूलगोप (root cap) द्वारा ढका रहता है।

एकबीजपत्री भ्रूण का विकास:




  • इसमें केवल एक बीजपत्र होता है जिसे स्कुटेलम (scutellum) कहते हैं।
  • इसके ऊपर का भाग बीजपत्रोपरिक (epicotyl) कहलाता है जो प्राकुर में समाप्त होता है।
  • प्राकुर प्राकुरगोप (coleoptile) द्वारा ढका होता है।
  • निचला भाग बीजपत्राधार (hypocotyl) कहलाता है जो मूलांकुर में समाप्त होता है।
  • मूलांकुर मूलगोप (coleorhiza) द्वारा ढका होता है।

बीज का निर्माण:

  • बीजाण्ड → बीज
  • अध्यावरण → बीजचोल
  • बीजाण्डकाय → अपहसित
  • बीजाण्डवृन्त → बीजवृन्त
  • बीजाण्डद्वार → बीजद्वार (जो जल और ऑक्सीजन के प्रवेश में सहायक होता है)

बीजों में प्रसुप्तावस्था (Dormancy):

बीज परिपक्व होने पर जल की मात्रा घट जाती है जिससे बीज शुष्क हो जाते हैं और इनकी जैव क्रियाएँ मंद हो जाती हैं। इस अवस्था को प्रसुप्तावस्था कहते हैं।

अनुकूल परिस्थितियों (जल, तापमान, ऑक्सीजन) में बीज अंकुरित होते हैं।

बीजों का महत्व:

(A) आवृतबीजी पादपों में बीज का महत्व:

  • 1. स्वतंत्रता: बीज प्रजनन की क्रिया में पूर्णतः स्वतंत्र होते हैं।
  • 2. विस्तार: बीज नई जगहों पर पहुँचकर पादप का विस्तार करते हैं।
  • 3. सुरक्षा: बीजचोल बीज की सुरक्षा करता है।
  • 4. विविधता: लैंगिक जनन के कारण बीजों में विविधताएं उत्पन्न होती हैं।

निष्कर्ष:

भ्रूण और बीज का निर्माण पौधों के जीवन चक्र में अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे नई संतति का जन्म होता है और वनस्पति का विस्तार संभव होता है।

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