संज्ञा की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Sangya (Noun) in Hindi Grammar
संज्ञा (Sangya) वह विकारी शब्द होता है जिससे किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या गुण का बोध होता है।
📌 संज्ञा की परिभाषा:
“संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु विशेष अथवा किसी व्यक्ति के नाम का बोध हो।”
उदाहरण: घर, गंगा, मोहन, भारत आदि
📘 संज्ञा के प्रकार (Types of Noun):
मुख्यतः संज्ञा के निम्न प्रकार होते हैं:
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
1️⃣ व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun):
जो संज्ञा किसी एक विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु को दर्शाती है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण: गंगा, काशी, मोहन, दिल्ली
2️⃣ जातिवाचक संज्ञा (Common Noun):
जो संज्ञा किसी जाति या वर्ग के सभी व्यक्तियों या वस्तुओं को दर्शाए, वह जातिवाचक संज्ञा कहलाती है।
उदाहरण: नदी, पर्वत, मकान, सभा, मनुष्य
3️⃣ भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun):
जो संज्ञा किसी गुण, अवस्था या भाव को दर्शाए, वह भाववाचक संज्ञा कहलाती है।
उदाहरण: चतुराई, नम्रता, बुढ़ापा, लड़कपन
📌 अन्य भेद:
कुछ व्याकरणों में संज्ञा के पाँच भेद भी माने जाते हैं: व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, गुणवाचक, भाववाचक और सार्वनामिक। यह विभाजन संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी व्याकरण की दृष्टि से किया गया है।
📝 MCQs on संज्ञा (Practice Questions)
- ‘मोहन’ कौन-सी संज्ञा है?
✅ व्यक्तिवाचक संज्ञा - ‘नदी’ शब्द क्या दर्शाता है?
✅ जातिवाचक संज्ञा - ‘चतुराई’ किस भेद की संज्ञा है?
✅ भाववाचक संज्ञा - ‘हिमालय’ कौन सी संज्ञा है?
✅ व्यक्तिवाचक संज्ञा - ‘सभाएं’ किस प्रकार की संज्ञा हैं?
✅ जातिवाचक संज्ञा
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