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भ्रूण का विकास, प्रसव प्रक्रिया, दुग्ध स्त्रवण और गर्भावधि की अवधि | Pregnancy Stages in Hindi

भ्रूण का विकास, प्रसव प्रक्रिया, दुग्ध स्त्रवण और गर्भावधि की अवधि | Pregnancy Stages in Hindi

भ्रूण का विकास (Development of Embryo):

समय विकास की अवस्था
1 दिनयुग्मनज
2 दिन2 कोशिकाएँ
4 दिन16 कोशिकाएँ
7-8 दिनगर्भाशय में प्रवेश और अन्तरोपण
1 माह बादहृदय की धड़कन
2 माह बादपाद व अंगुलियों का विकास
5 माह बादजननांग, सभी अंगों का निर्माण
6 माह बादपलकें, कोमल बाल, गतिशीलता
9 माह बादपूर्ण विकसित शिशु

प्रसव (Delivery Process):

मनुष्य में गर्भावधि (Gestation Period) लगभग 280 दिन (9 माह) होती है। इस अवधि के पूर्ण होने पर माँ के गर्भाशय में संकुचन उत्पन्न होते हैं जिससे शिशु का जन्म होता है। इस क्रिया को प्रसव कहते हैं।

प्रसव की क्रियाविधि:

  • प्रारंभिक संकुचन गर्भाशय में हल्के रूप में होते हैं।
  • माँ की पियूष ग्रंथि से ऑक्सीटोसिन हार्मोन निकलता है जो संकुचन को तीव्र बनाता है।
  • संवेदनात्मक प्रतिक्रिया द्वारा ऑक्सीटोसिन की मात्रा और बढ़ती है।
  • गर्भाशय के तीव्र संकुचनों के कारण शिशु जन्म नाल सहित बाहर आता है।

दुग्ध स्त्रवण (Lactation):

गर्भावस्था के अंतिम चरणों में स्तनों से दूध का स्त्रवण आरंभ हो जाता है जिसे दुग्ध स्त्रवण (Lactation) कहा जाता है।

दुग्ध स्त्रवण का महत्व:

  • 1. नवजात शिशु के पोषण हेतु आवश्यक
  • 2. प्रथम स्तन्य (Colostrum) प्रतिरक्षा तत्वों से भरपूर होता है
  • 3. शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

गर्भावधि की तुलना (Gestation Periods):

प्राणी गर्भावधि (दिनों में)
मनुष्य280 दिन
सेलामेंडर100 दिन
भैंस300 दिन
हाथी624 दिन
गाय284 दिन
ऊंट400 दिन
गधा365 दिन
हिरण240 दिन
घोड़ा350 दिन
भेड़/बकरी150 दिन
सुअर114 दिन
खरगोश28-30 दिन
चूहा21 दिन
ओपोसम12 दिन

निष्कर्ष:

भ्रूण का विकास एक अत्यंत संवेदनशील और जटिल प्रक्रिया है। गर्भधारण से लेकर प्रसव और स्तनपान तक की हर अवस्था शिशु के जीवन की नींव रखती है। हर माता-पिता को इन प्राकृतिक घटनाओं की जानकारी होना आवश्यक है।

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