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यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण का नियम | Law of Conservation of Mechanical Energy in Hindi

यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण का नियम | Law of Conservation of Mechanical Energy in Hindi

परिभाषा: जब कोई पिण्ड संरक्षी बलों के अधीन हो (जैसे गुरुत्व बल), और घर्षण या अपक्षय बल अनुपस्थितकुल यांत्रिक ऊर्जा (गतिज + स्थितिज) एक स्थिर राशि बनी रहती है।

यांत्रिक ऊर्जा क्या है?

यांत्रिक ऊर्जा = गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) + स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)

अर्थात यदि किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा बढ़ती है, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा घटती है और इसके विपरीत। परंतु दोनों का योग नियत

ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy):

इस नियम के अनुसार:
"ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है।"

यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण का गणितीय रूप:

K.E + P.E = Constant
या
1/2mv² + mgh = नियत मान

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • यह नियम केवल संरक्षी बलों की उपस्थिति में लागू होता है।
  • घर्षण बल, वायु प्रतिरोध आदि होने पर ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मा आदि में परिवर्तित हो जाता है।
  • इस नियम की सहायता से हम वस्तु की गति, ऊँचाई या स्थिति का पता लगा सकते हैं।

उदाहरण:

यदि कोई गेंद एक ऊँचाई से गिराई जाती है तो जैसे-जैसे वह नीचे आती है, उसकी स्थितिज ऊर्जा घटतीगतिज ऊर्जा बढ़तीयांत्रिक ऊर्जा संरक्षण

निष्कर्ष:

यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण का नियम भौतिकी का अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जिससे हम गति, ऊर्जा, कार्य और यांत्रिकी को गहराई से समझ सकते हैं।

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