आयरन या लोहा (Iron) की परिभाषा, अयस्क और उपयोग:-
आयरन की परिभाषा (Definition of Iron):
आयरन (Iron) पृथ्वी पर सर्वाधिक मात्रा में पाई जाने वाली द्वितीय धातु है। यह प्रकृति में मुख्यतः संयुक्त अवस्था में पाया जाता है। हालांकि ग्रीनलैंड जैसे कुछ क्षेत्रों में यह मुक्त अवस्था में भी मिलता है, विशेष रूप से उल्कापातिक (Meteoritic) Iron के रूप में।
संयुक्त अवस्था में यह विभिन्न अयस्कों (Ores) के रूप में उपलब्ध होता है, जैसे – हेमेटाइट (Fe₂O₃), मैग्नेटाइट (Fe₃O₄), लिमोनाइट (Fe₂O₃.xH₂O) आदि।
आयरन (लोहा) के उपयोग (Uses of Iron):
आयरन एक अत्यंत आवश्यक एवं औद्योगिक धातु है, जिसके विभिन्न प्रकारों के विभिन्न उपयोग हैं।
(i) ढलवाँ लोहे के उपयोग (Uses of Cast Iron):
- यह लोहे का सबसे महत्त्वपूर्ण और कठोर रूप होता है।
- इसका प्रयोग स्टोव, रेलवे स्लीपर, नालों के पाइप, खिलौने आदि बनाने में किया जाता है।
- इसी से पिटवाँ लोहास्टील (इस्पात)
(ii) पिटवाँ लोहे के उपयोग (Uses of Wrought Iron):
- इससे तार, बोल्ट, लंगर, जंजीर, कृषि यन्त्र आदि बनाए जाते हैं।
- यह लोहे का लचीला और कारीगरी के योग्य रूप होता है।
(iii) स्टील के उपयोग (Uses of Steel):
- स्टील को अन्य धातुओं के साथ मिलाकर मिश्र धातु स्टील (Alloy Steels) बनाया जाता है।
- इसका प्रयोग मशीनों, भवन निर्माण, वाहनों, औजारों आदि में किया जाता है।
- यह मजबूत, टिकाऊ तथा बहुउपयोगी सामग्री है।
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