विद्युत प्रतिरोध क्या है? परिभाषा, सूत्र, मात्रक, एक ओम की परिभाषा
परिभाषा: किसी चालक द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का जितना विरोध किया जाता है, उसे उस चालक का विद्युत प्रतिरोध कहते हैं। इसे R से दर्शाया जाता है।
जब किसी चालक में विभवान्तर (Potential Difference) आरोपित किया जाता है, तो इलेक्ट्रॉन एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर गति करते हैं। इस गति में उत्पन्न अवरोध को ही प्रतिरोध कहा जाता है।
📌 ओम का नियम द्वारा प्रतिरोध का सूत्र:
यदि किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर V हो और उसमें धारा i प्रवाहित हो, तो:
R = V / i
📏 SI मात्रक:
विद्युत प्रतिरोध का मात्रक: वोल्ट / एम्पियर = ओम (Ω)
एक ओम की परिभाषा:
जब किसी चालक के सिरों पर 1 वोल्ट का विभवांतर लगाने पर उसमें 1 एम्पियर की धारा प्रवाहित होती है, तो उस चालक का प्रतिरोध 1 ओम (Ω) होता है।
📐 ज्योंमितीय दृष्टि से प्रतिरोध का सूत्र:
R = ρ × (l / A)
- R = विद्युत प्रतिरोध
- ρ = विशिष्ट प्रतिरोध
- l = चालक की लंबाई
- A = अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल
📌 प्रतिरोध किन-किन पर निर्भर करता है:
- 👉 चालक की लंबाई पर (R ∝ l)
- 👉 क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती (R ∝ 1/A)
- 👉 पदार्थ की प्रकृति पर (R ∝ ρ)
🔍 प्रतिरोध का विमीय सूत्र:
[M¹L²T⁻³A⁻²]
💡 विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता (Resistivity):
चालक के पदार्थ का वह गुण जो धारा के प्रवाह का विरोध करता है, उसे विशिष्ट प्रतिरोधप्रतिरोधकता कहते हैं। इसे ρ से व्यक्त करते हैं।
ρ = R × (A / l)
यह केवल पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है, न कि चालक की लंबाई या क्षेत्रफल पर।
SI मात्रक:
Ω⋅m (ओम मीटर)
विमीय सूत्र:
[M¹L³T⁻³A⁻²]
🔬 उदाहरण:
- तांबा, चाँदी जैसे पदार्थों की प्रतिरोधकता बहुत कम होती है, अत: ये अच्छे चालक होते हैं।
- नाइक्रोम, मैंगनीन जैसे पदार्थों की प्रतिरोधकता अधिक होती है, अत: ये प्रतिरोधक तारों के निर्माण में काम आते हैं।
📌 निष्कर्ष:
विद्युत प्रतिरोध और विशिष्ट प्रतिरोध विद्युत धारा के प्रवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह विद्युत सर्किट की डिज़ाइन और कार्य को समझने के लिए आवश्यक है।
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