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द्विध्रुव आघूर्ण क्या है? परिभाषा, सूत्र, मात्रक, उदाहरण सहित | Dipole Moment in Hindi

द्विध्रुव आघूर्ण क्या है? परिभाषा, सूत्र, मात्रक, उदाहरण सहित

द्विध्रुव आघूर्ण (Dipole Moment) रसायन विज्ञान में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जिसका प्रयोग अणु की ध्रुवीयता को मापने में किया जाता है।

📌 द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा:

जब किसी अणु में दो विपरीत आवेश (+q और -q) एक निश्चित दूरी (d या r) पर स्थित होते हैं, तब उनके गुणनफल को द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। इसे μ (म्यू) से दर्शाया जाता है।

सूत्र:
μ = q × d
या
μ = e × r

🌟 विशेषताएं:

  • यह एक सदिश राशि है।
  • यह अणु की ध्रुवीयता को दर्शाती है।
  • दिशा कम ऋणात्मक परमाणु की ओर मानी जाती है।

📏 द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक:

  • SI मात्रक: कूलंब-मीटर (C·m)
  • प्रयोग में आने वाला मात्रक: डिबाई (Debye या D)
  • 1 D = 10-18 e.s.u × cm

🧪 जिन अणुओं का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है:

  • वे अणु जो दो समान परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं।
  • उदाहरण: H2, O2, N2, Cl2 आदि

📉 H-X यौगिकों में द्विध्रुव आघूर्ण का क्रम:

H-F > H-Cl > H-Br > H-I

🧬 बहुपरमाण्वीय अणुओं में द्विध्रुव आघूर्ण:

  • ध्रुवीय बन्धों के सदिश योग के बराबर होता है।
  • संरचना के अनुसार अणु ध्रुवीय या अध्रुवीय हो सकते हैं।

📘 अध्रुवीय अणु (μ = 0):

  • CO2, BeCl2 (रेखीय या समतल रचनाएं)

📗 ध्रुवीय अणु:

  • NH3 → μ = 1.48 D
  • NF3 → μ = 0.12 D
  • H2O → μ = 1.85 D

🤔 क्यों NH3 का द्विध्रुव NF3 से अधिक होता है?

NH3 में N-H बन्धों और एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म का द्विध्रुव एक ही दिशा में होता है, जिससे परिणामी द्विध्रुव अधिक होता है। जबकि NF3 में N-F और lone pair के द्विध्रुव विपरीत दिशा में होने से कुल द्विध्रुव कम हो जाता है।

🧠 उपयोगी आंतरिक लिंक:

📌 निष्कर्ष:

द्विध्रुव आघूर्ण किसी अणु के आवेश वितरण का संकेत देता है। यह अणु के गुण, जैसे ध्रुवीयता, आयनिक या सहसंयोजक स्वभाव आदि को स्पष्ट करने में सहायक होता है।

📚 Tags:

द्विध्रुव आघूर्ण, dipole moment in hindi, रसायन विज्ञान, chemistry notes, mu value

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